script50 दिन के अंदर रिश्वतखोर सरपंच को सुनाई सजा, 4 साल की जेल और 2 हजार का जुर्माना लगाया | court Sentenced to 4 year in jail to bribery sarpanch within 50 days | Patrika News
जबलपुर

50 दिन के अंदर रिश्वतखोर सरपंच को सुनाई सजा, 4 साल की जेल और 2 हजार का जुर्माना लगाया

– भ्रष्टाचार के मामले में सबसे तेज फैसला- लोकायुक्त की विशेष कोर्ट का फैसला- आरोपी पर 2 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया

जबलपुरAug 30, 2019 / 09:00 pm

abhishek dixit

Life imprisonment

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जबलपुर. भ्रष्टाचार के मामले में प्रदेश का सबसे तेज फैसला देते हुए लोकायुक्त की विशेष अदालत ने रिश्वतखोर सरपंच को महज पचास दिनों के अंदर सजा सुनाई दी। लोकायुक्त के विशेष न्यायाधीश की कोर्ट ने प्रधानमंत्री आवास की किश्त जारी करने के लिए रिश्वत लेने वाले ग्राम पंचायत उमरिया ढिरहा मझौली के तत्कालीन सरपंच जवाहर लाल गोंटिया को 4 साल का कारावास और 2 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया। विशेष लोक अभियोजक प्रशांत शुक्ला के अनुसार मझौली तहसील के अंतर्गत ग्राम पंचायत उमरिया ढिरहा निवासी रतिराम कुशवाहा के पिता गणेश प्रसाद कुशवाहा के नाम से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 40 हजार रुपए की पहली किश्त मिलनी थी। इसके लिए सरपंच जवाहर लाल गोंटिया ने उससे 5 हजार रुपए रिश्वत मांगी। मोलभाव के बाद सरपंच 1500 रुपए लेने के लिए राजी हो गया। शिकायत पर 25 मई 2017 को लोकायुक्त की टीम ने छापामार कार्रवाई कर सरपंच जवाहर लाल गोंटिया को ग्राम पंचायत भवन ढिरहा में 1500 रुपए लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने आरोपी को दोषसिद्ध करार दिया।

लोकायुक्त के विशेष लोक अभियोजक शुक्ला ने बताया कि यह फैसला भ्रष्टाचार के मामले में चालान पेश करने के महज 50 दिन में हुआ है। इसके कम अवधि में प्रदेश में भ्रष्टाचार के मामले का फैसला नहीं हुआ। जबकि इस मामले में चालान पेश करने में ही लोकायुक्त को साल पैंतालिस दिन लग गए। 10 जुलाई 2019 को न्यायालय में चालान पेश किया था। शुक्ला के अनुसार भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में मामले का निराकरण करने के लिए 2 साल की समय सीमा है।

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