लोकायुक्त के विशेष लोक अभियोजक शुक्ला ने बताया कि यह फैसला भ्रष्टाचार के मामले में चालान पेश करने के महज 50 दिन में हुआ है। इसके कम अवधि में प्रदेश में भ्रष्टाचार के मामले का फैसला नहीं हुआ। जबकि इस मामले में चालान पेश करने में ही लोकायुक्त को साल पैंतालिस दिन लग गए। 10 जुलाई 2019 को न्यायालय में चालान पेश किया था। शुक्ला के अनुसार भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में मामले का निराकरण करने के लिए 2 साल की समय सीमा है।