महिलाओं के लिए गंभीर प्रयास
डीपीआर में महिलाओं के प्रति अपराधों व पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज मामलों के लिए खासी संवेदनशीलता परिलक्षित होती है। इन अपराधों के हर जिले में 450 से अधिक मामले लंबित हैं। इसके लिए 100 फास्ट ट्रैक खोलने की योजना है। इसके लिए डीपीआर में 2017-18 से 2019-20 तक 227.26 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है। चेक बाउंस के मामलों के लिए प्रदेश में 16 व मोटर दुर्घटना दावा के लिए 10 विशेष अदालतें खोली जाएंगी।
414 अतिरिक्त कोर्ट रूम बनेंगे
हाल ही में राज्य सरकार ने उच्च व निम्न न्यायिक सेवा के करीब 500 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की है। न्यायिक अधिकारियों की बढऩे वाली इस संख्या के मद्देनजर योजना के तहत प्रदेश में तीन साल में 414 अतिरिक्त कोर्ट रूम निर्माण का प्रावधान किया गया है। 2017-18 में इसके तहत 16 जिलों में 122.4 करोड़ रुपए की लागत से 157 कक्ष बनाए जा रहे हैं। 2018-19 में 15 जिलों में 148 कक्षों का निर्माण 114.4 करोड़ रुपए से व 2019-20 में 15 जिलों में 112 कक्षों का निर्माण 81.2 करोड़ रुपए से किया जाएगा।
डीपीआर में महिलाओं के प्रति अपराधों व पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज मामलों के लिए खासी संवेदनशीलता परिलक्षित होती है। इन अपराधों के हर जिले में 450 से अधिक मामले लंबित हैं। इसके लिए 100 फास्ट ट्रैक खोलने की योजना है। इसके लिए डीपीआर में 2017-18 से 2019-20 तक 227.26 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है। चेक बाउंस के मामलों के लिए प्रदेश में 16 व मोटर दुर्घटना दावा के लिए 10 विशेष अदालतें खोली जाएंगी।
414 अतिरिक्त कोर्ट रूम बनेंगे
हाल ही में राज्य सरकार ने उच्च व निम्न न्यायिक सेवा के करीब 500 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की है। न्यायिक अधिकारियों की बढऩे वाली इस संख्या के मद्देनजर योजना के तहत प्रदेश में तीन साल में 414 अतिरिक्त कोर्ट रूम निर्माण का प्रावधान किया गया है। 2017-18 में इसके तहत 16 जिलों में 122.4 करोड़ रुपए की लागत से 157 कक्ष बनाए जा रहे हैं। 2018-19 में 15 जिलों में 148 कक्षों का निर्माण 114.4 करोड़ रुपए से व 2019-20 में 15 जिलों में 112 कक्षों का निर्माण 81.2 करोड़ रुपए से किया जाएगा।
हर सुविधा होगी उपलब्ध
योजना के तहत प्रत्येक जिला, तहसील अदालत को हर जरूरी जनसुविधा से लैस किया जाएगा। हर अदालत में महिलाओं व दिव्यांगों के लिए अलग वाशरूम होंगे। पक्षकारों के विश्राम के साथ ही कैंटीन सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। अदालतों को अधिक पक्षकार फ्रेंडली बनाने के मकसद से प्रति कोर्ट 50 लाख रुपए की रकम निर्धारित की गई है। 2017-18 से 2019-20 तक 125 अदालतों के लिए 62.25 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में योजना के तहत 53 मीडिएशन सेंटर व 27 वैकल्पिक विवाद निराकरण केन्द्र भी बनाए जाएंगे।
योजना के तहत प्रत्येक जिला, तहसील अदालत को हर जरूरी जनसुविधा से लैस किया जाएगा। हर अदालत में महिलाओं व दिव्यांगों के लिए अलग वाशरूम होंगे। पक्षकारों के विश्राम के साथ ही कैंटीन सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। अदालतों को अधिक पक्षकार फ्रेंडली बनाने के मकसद से प्रति कोर्ट 50 लाख रुपए की रकम निर्धारित की गई है। 2017-18 से 2019-20 तक 125 अदालतों के लिए 62.25 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में योजना के तहत 53 मीडिएशन सेंटर व 27 वैकल्पिक विवाद निराकरण केन्द्र भी बनाए जाएंगे।
योजना में तीन वर्षों के लिए कुल राशि- 497.2 करोड़ रुपए
फास्ट ट्रैक कोर्ट 100 : 227.26 करोड़ रुपए
अतिरिक्त कोर्ट रूम 414 : 81.2 करोड़ रुपए
स्पेशल कोर्ट 26 :42.34 करोड़ रुपए
कुटुम्ब न्यायालय 20 : 34.14 करोड़ रुपए
125 अदालतों की री-डिजाइनिंग : 62.50 करोड़
अन्य मद :लगभग 42 करोड़ रुपए
फास्ट ट्रैक कोर्ट 100 : 227.26 करोड़ रुपए
अतिरिक्त कोर्ट रूम 414 : 81.2 करोड़ रुपए
स्पेशल कोर्ट 26 :42.34 करोड़ रुपए
कुटुम्ब न्यायालय 20 : 34.14 करोड़ रुपए
125 अदालतों की री-डिजाइनिंग : 62.50 करोड़
अन्य मद :लगभग 42 करोड़ रुपए