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जबलपुर

कोरोना का खतरा टला नहीं, वायरल फीवर का भी अटैक, अस्पतालों में मरीजों की कतार

कोविड-19 के उपचार को लेकर पहले ही लडख़ड़ाई हुई है व्यवस्था, ये सावधानियां बरतने की जरूरत

जबलपुरSep 01, 2020 / 08:08 pm

reetesh pyasi

Corona:

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जबलपुर। शहर में कोरोना संकट के बीच वायरल फीवर तेजी से फैल रहा है। अस्पतालों से लेकर प्राइवेट क्लीनिक में सर्दी-खांसी और कमजोरी की शिकायत लेकर आने वाले मरीज बढ़ गए हैं। कोविड काल में पहले अस्पताल जाने से मरीज दूरी बना रहे थे। लेकिन, कुछ दिनों से फीवर क्लीनिक और मेडिसिन ओपीडी में बुखार के साथ शारीरिक कमजोरी महसूस करने का इलाज कराने आने वालों की कतार लग गई है। कई बुखार पीडि़तों के लक्षण कोरोना जैसे मिल रहे हैं। असमंजस होने से डॉक्टर वायरल फीवर के मरीजों को भी जरूरत होने पर कोरोना टेस्ट का परामर्श दे रहे हैं। इससे कोरोना जांच के नमूने बढ़ रहे हैं। कोरोना संक्रमण दर बढऩे के साथ पहले से लडख़ाड़ाई अस्पतालों में उपचार की व्यवस्था को लेकर नई चुनौती दस्तक दे रही है। बुखार के बढ़ते मरीज और कोरोना जांच कराने से संदिग्धों की संख्या में इजाफा हुआ है। जिस तरीके संक्रमित और संदिग्ध बढ़ रहे हैं।
घनी बस्तियों में ज्यादा अटैक
वायरल फीवर के मरीज भी घनी और निचली बस्तियों में ज्यादा मिल रहे है। पॉश इलाके में भी वायरल फीवर के केस आए हैं। गढ़ा, हनुमानताल, मिल्क स्कीम, भानतलैया, सदर, रांझी की कुछ बस्तियों में हर दूसरे-तीसरे घर में बुखार के मरीज निकल रहे हैं। बस्ती और परिवार में एक व्यक्ति के स्वस्थ्य होने के बाद दूसरे व्यक्ति को वायरल बुखार जकड़ रहा है। शहर में कोरोना के केस भी पहले घनी बस्तियों में ही ज्यादा संख्या में मिले थे। हाल में बारिश और कई निचली बस्तियों के जलमग्न होने से अब मच्छरजनित बीमारियों के फैलने का अंदेशा भी बढ़ गया है। मलेरिया जैसे लक्षण के साथ कुछ मरीज मिलने से संकेत मिल गए हैं।
सावधानी बरतने की जरूरत
मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ चिकित्सकों के अनुसार मौसम में परिवर्तन के बीच रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है। वायरल बुखार और अन्य संक्रमण से पीडि़त होने पर इम्यून कमजोर होता है। कोरोना वायरस से लडऩे के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर बनाए रखना जरुरी है। इसलिए अभी कुछ दिनों तक लोगों को ज्यादा संयम और सावधानी बरतने की जरुरत है। मास्क लगाने, बार-बार हाथ धोने के साथ ही दिनचर्या और आदतों को बदलकर संक्रमण से बचना होगा। बारिश एवं ठहरे पानी में पनपने वाले मच्छरों के हमले से बचाव करना होगा। दवा का छिड़कांव और साफ-सफाई रखना होगा।
ये हैं लक्षण
डॉक्टर्स के अनुसार वायरल बुखार के केस बढ़ रहे हैं। ज्यादातर मरीजों को ठंड लगने के साथ हल्का बुखार आ रहा है। जांच में सर्दी-खांसी और निमोनिया जैसे लक्षण भी मिल हैं। वायरल फीवर होने पर चार से छह दिन तक बुखार आ रहा है। स्वस्थ्य होने के बाद कई दिन तक शारीरिक रुप से बेहद कमजोरी रह रही है। जांच में जिनमें संदिग्ध लक्षण महसूस हो रहे हैं, उन्हें कोरोना जांच कराने के लिए कहा जा रहा है। मेडिकल, विक्टोरिया अस्पताल सहित फीवर क्लीनिक्स में कुछ संदिग्धों का एहतियातन भी कोरोना जांच किया जा रहा है।

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