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दोपहर तक कई स्थानों पर नहीं पहुंचा था भोजन, स्वयंसेवी संगठनों ने की मदद

locationजबलपुरPublished: Apr 01, 2020 12:12:42 am

Submitted by:

shivmangal singh

अव्यवस्था ने खोली प्रशासनिक दावों की पोल

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जबलपुर. लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंद परिवारों, श्रमिकों और भिक्षुकों को भरपेट भोजन कराने के प्रशासन के दावों की पोल मंगलवार को खुल गई। शहर के कई इलाकों में जरूरतमंदों के पास दोपहर तक भोजन नहीं पहुुंचा। जबकि कुछ स्थानों पर आवश्यकता के अनुपात में आधे पैकेट भी नहीं पहुंचे। लोगों ने स्वयंसेवी संगठनों से संपर्क किया, तब उन्हें भोजन मिला।

300 श्रमिक मेडिकल यूनिवर्सिटी में
मेडिकल यूनिवर्सिटी में 300 से ज्यादा श्रमिक भवन निर्माण कार्य में लगे हैं। अधिकतर श्रमिक श्रमिक दूसरे राज्यों से आए हैं। लॉकडाउन के कारण वे वापस नहीं लौट सके हैं। मंगलवार को श्रमिक दोपहर तक भोजन का इंतजार करते रहे। बाद में भोजन के कुछ पैकेट पहुंचाए गए, जो मजदूरों की संख्या के हिसाब से कम थे। इसके बाद श्रमिकों ने स्वयंसेवी संगठनों से सम्पर्क किया। वॉक एंड क्लीन के अरविंद दुबे, मदन दुबे आदि ने श्रमिकों के भोजन की व्यवस्था कराई।

घाटों पर भटके लोग

जिलहरीघाट, उमाघाट, नाव घाट, खारी घाट पर रहने वाले भिक्षुक व जरूरमंद परिवार दोपहर तक भूखे भटकते रहे। भाजपा युवा मोर्चा के नगर अध्यक्ष रंजीत पटेल, शिक्षक पराग दीवान, अनिकेत चौरसिया आदि ने उनके भोजन की व्यवस्था की।

20 हजार लोगों को भोजन कराने का दावा
गर निगम और जिला प्रशासन का दावा है कि निगम के सभी 15 जोन कार्यालयों के माध्यम से जरूरतमंदों के भोजन की व्यवस्था की गई है। गोकुलदास धर्मशाला सहित अन्य स्थलों पर दीनदयाल रसोई के माध्यम से भी भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। निगम के अधिकारियों का कहना है कि सिविक सेंटर में कॉल सेंटर भी बनाया गया है, जहां जरूरतमंद सम्पर्क कर सकते हैं। प्रशासन का दावा है कि दिनभर में 20 हजार लोगों को भोजन उपलब्ध कराया गया।

आश्रय स्थलों में भी नहीं पहुंचा भोजन

आश्रय स्थलों में भी दोपहर तक भोजन नहीं पहुंचा था। सूचना पर स्वयंसेवी संगठनों ने लोगों की मदद की।

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