सेकेंड डोज पर ज्यादा जोर
जिले की आबादी के बड़े हिस्से को कोरोना टीका की पहली डोज देने के बाद अब स्वास्थ्य विभाग संबंधितों के फुल इम्यूनाइजेशन पर जोर लगा रहा है। इस प्रयास को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के शहर प्रवास के बाद और गति मिली है। बुधवार और गुरुवार को बड़ी संख्या में लोगों को टीका लगाए जाने के बाद फुल इम्यूनाइज्ड व्यक्तियों का औसत बढ़कर 34 प्रतिशत हो गया है। जो कि फस्र्ट डोज लगा चुके लोगों(66 प्रतिशत) का लगभग आधा है। फस्र्ट डोज के बाद समय पूरा कर चुके बाकी लोगों को सेकेंड डोज लगाकर इनका फुल इम्यूनाजेशन पर स्वास्थ्य विभाग का फोकस है।
जिले की आबादी के बड़े हिस्से को कोरोना टीका की पहली डोज देने के बाद अब स्वास्थ्य विभाग संबंधितों के फुल इम्यूनाइजेशन पर जोर लगा रहा है। इस प्रयास को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के शहर प्रवास के बाद और गति मिली है। बुधवार और गुरुवार को बड़ी संख्या में लोगों को टीका लगाए जाने के बाद फुल इम्यूनाइज्ड व्यक्तियों का औसत बढ़कर 34 प्रतिशत हो गया है। जो कि फस्र्ट डोज लगा चुके लोगों(66 प्रतिशत) का लगभग आधा है। फस्र्ट डोज के बाद समय पूरा कर चुके बाकी लोगों को सेकेंड डोज लगाकर इनका फुल इम्यूनाजेशन पर स्वास्थ्य विभाग का फोकस है।
कोरोना से सुरक्षा का गणित
स्वास्थ्य विभाग का जिले में लगभग 21 लाख व्यक्तियों को कोरोना टीका लगाने का लक्ष्य है। इसमें लगभग तेरह लाख अस्सी हजार व्यक्तियों को पहला टीका लग चुका है। जिले में मतदाताओं की संख्या लगभग साढ़े 18 लाख है। इस आंकड़े के लिहाज से अब पांच लाख व्यक्ति ही कोरोना टीके की पहली डोज से दूर हैं। जिले में हुए सीरो सर्वे में लगभग 30 प्रतिशत लोगों में कोरोना के विरुद्ध एंटीबॉडी पायी गई थी। एंटीबॉडी और वैक्सीनेटेड आबादी को जोडऩे पर जिले में बड़ी आबादी को अभी कोरोना से प्रारंभिक सुरक्षा है। इसे वर्तमान में कोरोना संक्रमण के कमजोर होने का कारण भी माना जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग का जिले में लगभग 21 लाख व्यक्तियों को कोरोना टीका लगाने का लक्ष्य है। इसमें लगभग तेरह लाख अस्सी हजार व्यक्तियों को पहला टीका लग चुका है। जिले में मतदाताओं की संख्या लगभग साढ़े 18 लाख है। इस आंकड़े के लिहाज से अब पांच लाख व्यक्ति ही कोरोना टीके की पहली डोज से दूर हैं। जिले में हुए सीरो सर्वे में लगभग 30 प्रतिशत लोगों में कोरोना के विरुद्ध एंटीबॉडी पायी गई थी। एंटीबॉडी और वैक्सीनेटेड आबादी को जोडऩे पर जिले में बड़ी आबादी को अभी कोरोना से प्रारंभिक सुरक्षा है। इसे वर्तमान में कोरोना संक्रमण के कमजोर होने का कारण भी माना जा रहा है।