जबलपुर। अपराध बेलगाम है। अपराधी बेखौफ हैं। वारदातें अनसुलझी हैं। माल की बरामदगी न के बराबर है। छेड़छाड़, बलात्कार की वारदातें तेजी से बढ़ी हैं। फिर भी जबलपुर शहर का पुलिस महकमा कह रहा है सबुकुछ ठीक है। यहां एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा का दावा है हर वारदात में आरोपी तक पुलिस पहुंची है। जबकि, किसी मामले में पुलिस जवान खुद ही अपराधी निकले, तो कहीं उनका अपराधियों से गठजोड़ सामने आया। मातहत मनमानी कर रहे हैं। उनसे पूछा गया कि शहर में हाल ही में चाकूबाजी की वारदातें बढ़ी हैं, रोज मामले सामने आ रहे है ? इसे रोकने क्या रणनीति है? उनका जबाव था कि चाकूबाजी वाले इलाकों को चिन्हित किया गया है। सीएसपी और थाना प्रभारियों को वहां लगातार गश्त करने के निर्देश दिए गए हैं। उन इलाकों में विशेष निगरानी की जा रही है, जहां आए दिन ऐसी वारदातें हो रही हैं। चाकूबाजों और आदतन अपराधियों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। यह भी कहते हैंकि इस वर्ष की सभी बड़ी वारदातों का खुलासा किया जा चुका है। अन्य लम्बित मामलों में विवेचना जारी है। अधिकतर वारदातों में आरोपियों के गिरेबां तक पुलिस के हाथ पहुंचे हैं। ट्रैफिक नियमों का पालन न करने वालों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है। समय-समय पर जागरुकता अभियान चलाया जाता है। कोविड के संक्रमण से बचाव के लिए भी ट्रैफिक पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। एसपी का मानना है कि सीन ऑफ क्राइम हो या फिर ट्रैफिक सम्भालने की बात, सभी अधिकारियों से कहा गया है कि संसाधनों का अधिक से अधिक उपयोग करें।
यहां के सनसनीखेज आदित्य अपहरण और हत्याकांड में पुलिस की विवेचना और रेस्पॉन्स टाइम पर सवाल उठे, तो एसपी ने कह दिया कि आदित्य मामले में पहले दिन से ही पुलिस सक्रिय रही। पुलिस की प्राथमिकता आदित्य की जान बचानी थी, लेकिन आरोपियों ने वारदात के कुछ समय बाद ही आदित्य की हत्या कर दी थी। सभी आरोपियों को सख्त सजा दिलाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। महिला सम्बंधी अपराध बढ़ रहे हैं, फिर भी असंवेदनशील नजर आती है। इसके जवाब में एसपी ने कहा कि तुलनामत्मक रूप से महिला सम्बंधी अपराधों का ग्राफ कम हुआ है। एफआइआर के तत्काल बाद आरोपी की गिरफ्तारी की जा रही है। महिला सम्बंधी अपराधों में लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। साइबर अपराध बढऩे, ऑनलाइन ठगी के मोर्चे पर पुलिस की नाकामी का बचाव करते हुए कहा कि साइबर अपराधों की विवेचना के लिए अलग टीमें हैं। इसके लिए अधिकारियों और कर्मचारियों को लगातार ट्रेनिंग दी जा रही है। लोगों को जागरूक होना पड़ेगा। कई साइबर से जुड़े अपराधों में अपराधियों को पकड़ा भी गया है।