news facts- ठगी के आरोपी ने हाईकोर्ट से भी बोला झूठ, जमानत निरस्त
ओमती थाना क्षेत्र का मामला
यह है मामला
अभियोजन के अनुसार महानद्दा, मदन महल जबलपुर निवासी रवि किरन श्रीवास्तव ने विस्टास एवं चैतन्याज डेवलपर्स कंपनी के नाम पर लोगों को लालच दिया कि रकम निवेश करने के बदले उन्हें इनाम दिया जाएगा। इनाम न निकलने की सूरत में निवेशकों को प्लॉट दिए जाएंगे। इस लालच में बड़ी संख्या में लोगों ने लाखों रुपए आरोपी के पास जमा करा दिए। लेकिन, न तो निवेशकों को इनाम दिया गया और न प्लॉट। इस पर करीब 40 लोगों ने आरोपी के खिलाफ शिकायतें कीं। शिकायत पर आरोपी के खिलाफ भादंवि की धारा 420/406 व निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम के तहत ओमती थाने में एफआइआर दर्ज की गई।
रकम लौटाने की थी शर्त
14 दिसम्बर 2017 को उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। उसे 23 मार्च 2018 को हाईकोर्ट ने इस शर्त पर अंतरिम जमानत का लाभ दिया था कि वह जेल से बाहर आने के बाद शिकायतकर्ताओं की रकम लौटा देगा। बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान आपत्तिकर्ता ज्योति वर्मा व अन्य की ओर से प्रवीण वर्मा, मनीष तिवारी उपस्थित हुए। कोर्ट को बताया गया कि आरोपी ने कोर्ट को दिया वादा पूरा नहीं किया।
पेश कर दी तहसीलदार की फर्जी नोटशीट
इस पर कोर्ट में उपस्थित आरोपी रविकिरण ने शहपुरा तहसीलदार की नोटशीट बताते हुए एक दस्तावेज की प्रति पेश की। उसने बताया कि वह शिकायतकर्ताओं की रकम लौटा चुका है। दस्तावेज की वास्तविकता पर आपत्तिकर्ता अधिवक्ताओं ने ऐतराज जताया। इस पर कोर्ट ने भोजनावकाश के बाद आरोपी को मूल दस्तावेज पेश करने को कहा। भोजनावकाश के बाद जब पुन: कोर्ट बैठी तो आरोपी बगलें झांकने व झूठे बहाने गढऩे लगा। इसे कोर्ट ने पकड़ लिया व उसे लताड़ लगाई। कोर्ट ने उसकी अंतरिम जमानत खारिज कर तत्काल सीजेएम कोर्ट के समक्ष सरेंडर करने का निर्देश दे दिया।