दस माह में स्क्रैप से 229 करोड़ रुपए का रेल राजस्व प्राप्त किया
स्क्रैप रेल मटेरियल से 20,441 मीट्रिक टन से रुपये 74 करोड़ 49 लाख की आय प्राप्त हुई।
स्क्रैप फेरस से 14,697 मीट्रिक टन से रुपये 55 करोड़ 56 लाख की आय प्राप्त हुई।
स्क्रैप नॉन फेरस से 883 मीट्रिक टन से रुपये 18 करोड़ 73 लाख की आय प्राप्त हुई।
177 स्क्रैप वैगन से रुपये 06 करोड़ 43 लाख की आय प्राप्त हुई।
40 स्क्रैप कोचों से रुपये 1 करोड़ 99 लाख की आय प्राप्त हुई।
26 स्क्रैप लोको से रुपये 27 करोड़ 44 लाख की आय प्राप्त हुई।
अन्य स्क्रैप 5333 मीट्रिक टन का निपटान करके रुपये 30 करोड़ 94 लाख की आय प्राप्त हुई।
आरडब्ल्यूपी/आरडब्ल्यूएफ द्वारा स्क्रैप मटेरियल से 4546 मीट्रिक टन से 13 करोड़ 37 लाख की आय प्राप्त हुई।
पमरे में स्क्रैप मैटेरियल नीलाम होने से महत्वपूर्ण फायदे हुए हैं। रेलवे में स्क्रैप निपटारा होने से खाली जगहों की कई उपयोगिता साबित हुई है। रेलवे मेंस्क्रैप निपटान से राजस्व में वृद्धि होती है। साथ ही अन्य स्रोत की आय में भी बढ़ोत्तरी हुई। स्क्रैप निपटान से खाली हुई जगह को अन्य रेलवे द्वारा गतिविधियों के लिए उपयोग में लायी जा सके। इस निपटान से रेल खंड भी साफ-सुथरा रहता है जो यात्रियों को सुगम एवं अच्छा यात्रा का अनुभव कराता है।
पश्चिम मध्य रेलवे महाप्रबंधक सुधीर कुमार गुप्ता के निरंतर प्रोत्साहन तथा कुशल मार्गदर्शन एवं समस्त विभागाध्यक्षो विशेष तौर पर प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक एवं जबलपुर, भोपाल एवं कोटा मंडल के मंडल रेल प्रबंधकों, भोपाल एवं कोटा कारखाना के मुख्य कारखाना प्रबंधको, मुख्य सामग्री प्रबंधक/ बिक्री, मुख्य रेल पथ अभियंता, मुख्य चलशक्ति अभियंता, मुख्य विद्युत लोको अभियंता तथा वित्तीय सलाहकार एवं मुख्य लेखाधिकारी (एस एंड डब्लू) के टीम द्वारा कार्य किया गया है।