ये है हाल- सड़क बराबर चौड़ा फु टपाथ-सत्रह करोड़ की लागत से शहर में पैंतीस किलोमीटर क्षेत्र में फु टपाथ का निर्माण किया जा रहा है। अलग-अलग मार्गों के किनारे बनाए जा रहे फु टपाथ की चौड़ाई में कहीं भी एकरूपता नहीं है। गोरखपुर में तो सड़क के बराबर चौड़ा फु टपाथ बना दिया गया है। सिविल लाइन क्षेत्र में कई स्थान पर फु टपाथ सर्पिलाकार बना दिया गया है।
दो साल में बन सकी छोटी लाइन की रोटरी- छोटी लाइन चौराहा से रेल की पटरी हटाई जाने के बाद लंबे समय तक रोटरी बनाने में यहां प्रयोग चलता रहा है। बड़ी मुश्किल से आखिरकार दो साल में रोटरी का निर्माण कार्य पूरा हो सका। इस दौरान कई बार रोटरी को तोड़ा गया। लाखों रुपये खर्च करके यहां रोटरी बनाई गई। बंदरिया तिराहा में आईलैंड-गोरखपुर से ग्वारीघाट मार्ग में बंदरिया तिराहा पर लगातार प्रयोग जारी हैं। पहले यहां तिराहे पर डिवाइडर की लंबाई बढ़ाई गई। फिर तिराहा में ट्रेफ्रिक सिग्नल लगा दिए गए। इस चौराहे पर पहले से लेफ्ट टर्न के लिए पर्याप्त जगह नहीं है, ऊपर से अब तिराहा में आईलैंड विकसित किया जा रहा है। गोलबाजार में ड्रेनेज सिस्टम-
शहीद स्मारक गोल बाजार में दो दशक के दौरान लगभग चार बार नाली का निर्माण किया जा चुका है। लेकिन आज तक यहां ड्रेनेज सिस्टम दुरुस्त नहीं हो सका। आए दिन नाली का पानी सड़क में भर जाता है। बारिश के दिनों में पूरा इलाका तालाब में तब्दील हो जाता है। स्मार्ट सिटी योजना के तहत फिर यहां सड़क व ड्रेनेज सिस्टम का विकास किया जाना है। डिवाइडर बनाया अब तोडऩे की तैयारी-घंटाघर से करमचंद चौक मार्ग पर बड़ी ओमती में छ: साल पहले निगम ने डिवाइडर का निर्माण कराया। अब डिवाइडर को तोडऩे की कवायद जारी है। प्रशासन की महत्वपूर्ण बैठकों में मंत्री से लेकर प्रशासनिक अधिकारी इस डिवाइडर को तोडऩे क ी बात कह चुके हैं।
वर्जन- विकास कार्यों की समीक्षा करेंगे, निगम के सभी इंजीनियरियों को निर्देशित करेंगे कि दूरदर्शिता के साथ विकास कार्य किए जाएं। जिससे किसी भी एक काम पर बार-बार राशि खर्च न हो। आशीष कुमार, आयुक्त, नगर निगम