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बिना बिजली लिए लग रही करोड़ों रुपए की चपत, फंस गई है कंपनी

locationजबलपुरPublished: Sep 01, 2018 05:42:40 pm

Submitted by:

amaresh singh

शर्त में फंसने के कारण हो रहा नुकसान

Crores rupees Slap without electricity

Crores rupees Slap without electricity

जबलपुर । बिजली का इस्तेमाल किए बगैर मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कम्पनी को हर साल हजारों करोड़ रुपए की चपत लग रही है। इस वित्तीय वर्ष में यह आंकड़ा 2929 करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है। यह खुलासा मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग की रिपोर्ट में है। हर साल इससे मिलती जुलती रकम कम्पनी को चुकानी पड़ती है। इसकी वजह विभिन्न विद्युत उत्पादक यूनिटों और कम्पनियों से दीर्घ कालीन एग्रीमेंट हैं। आने वाले सालों में यह रकम और बढ़ भी सकती है।

कई साल पूर्व प्रदेश में विद्युत उत्पादक क्षमता कम थी। प्रदेश के लोगों को पर्याप्त बिजली मिल सके, इसके लिए विद्युत उत्पादन करने वाली कई कम्पनियों से अनुबंध किए गए। इनमें ताप, जल, थर्मल, विंड और माइक्रो मिनी प्रोजेक्ट शामिल थे। अधिकतर अनुबंध दीर्घकालीन किए गए, जो 20 से 25 साल के लिए था। कई उत्पादन कम्पनियों की शर्त थी कि विद्युत खरीद हो या न हो, एक नियत भुगतान अनिवार्य होगा। इसी शर्त में फंसने के कारण यह नुकसान हो रहा है।

प्रदेश में उपलब्धता और इस्तेमाल
2018-19 के लिए
विद्युत की कुल उपलब्धता- 9 हजार 64 करोड़ यूनिट
वितरण कम्पनियों के पास खपत- 6585 करोड़ यूनिट
बची बिजली- 2479 करोड़ यूनिट

खरीदारी की अनुमति
2.60 रुपए प्रति यूनिट में कर सकते हैं खरीद
1871 करोड़ यूनिट तक कर सकते हैं खरीद
4164 करोड़ रुपए बची बिजली खरीदने का शुल्क
खरीदी-बिक्री का खेल
बची बिजली खरीदने से आय- 4866 करोड़ रुपए
कम्पनियों को चुकाई जाने वाली फिक्स रकम-
3631 करोड़ रुपए
बची बिजली बेचने से फिक्स रकम में बचत-
702 करोड़ रुपए
अनावश्यक रूप से फिक्स कॉस्ट के रूप में कम्पनियों को दिए जाने वाली रकम- 2929 करोड़ रुपए
वर्ष 2017-18 के हालात
बची बिजली बेचने से आय- 273 करोड़ रुपए
कम्पनियों को दी जाने वाली फिक्स कॉस्ट की रकम-
3376 रुपए
पिछले वर्ष अनुमानित नुकसान- 3103 करोड़ रुपए

उपक्रम फिक्स रकम
मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कम्पनी (ताप) 3337 करोड़
मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कम्पनी (जल) 295 करोड़
एनटीपीसी 2800 करोड़
नर्मदाघाटी परियोजना 1039 करोड़
अंतरराज्यीय विद्युत परियोजनाएं 10 करोड़
साशन पावर सिंगरौली 188 करोड़
स्वतंत्र व निजी विद्युत उत्पादक 2198 करोड़
इनका कहना है
परिस्थितियों के अनुरूप विद्युत की उपलब्धता बनी रहे, इसके लिए यह आवश्यक है।
संजय शुक्ल, एमडी, एमपी पावर मैनेजमेंट कम्पनी


मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कम्पनी को प्रतिवर्ष दीर्घकालीन अनुबंधों के कारण करोड़ों रुपए की हानि होती है। इस वर्ष यह आंकाड़ा 2929 करोड़ रुपए तक पहुंचेगा।
राजेंद्र अग्रवाल, रिटायर्ड अतिरिक्त मुख्य अभियंता व अधिवक्ता
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