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Jabalpur कांग्रेस के दो सदस्यों की क्रास वोटिंग से भाजपा का बना अध्यक्ष

locationजबलपुरPublished: Jul 30, 2022 01:48:48 am

Submitted by:

Rajendra Gaharwar

– उपाध्यक्ष के पद से ही कांग्रेस को करना पड़ा संतोषजबलपुर। कांग्रेस की बहुमत के बाद भी बहुत ही नाटकीय घटनाक्रम में जबलपुर जिला पंचायत के अध्यक्ष पद पर भाजपा ने कब्जा जमा लिया। जबकि उपाध्यक्ष कांग्रेस के खाते में गए। दरअसल, कांग्रेस की तमाम बाड़ाबंदी के बाद भी भाजपा ने सेंधमारी कर दो सदस्यों को तोड़ लिया, जिनकी क्रास वोटिंग से उसे जीत मिली।

कांग्रेस: जीत के लिए जोर

बहुमत के कारण विश्वास से भरी कांग्रेस को हार मिली

17 सदस्यीय जिला पंचायत में कांग्रेस के खेमे के 9 सदस्य थे और भाजपा के पास 8 सदस्य। अपने संख्या बल को सुरक्षित रखने के लिस कांग्रेस ने सभी सदस्यों को रायपुर छत्तीसगढ़ भेज दिया था। जो शुक्रवार को वोटिंग से कुछ समय पहले ही लौटे। अध्यक्ष पद के लिए भाजपा की ओर से संतोष कुमार बरकड़े और कांग्रेस से रामकुमार सैयाम ने पर्चा दाखिल किया। लेकिन जब परिणाम आया तो सभी सन्न रह गए। कांग्रेस के दो सदस्यों के वोट निरस्त हो जाने से भाजपा ने एक वोट से अध्यक्ष पद जीत लिया। कांग्रेस के दो सदस्यों ने क्रास वोटिंग करते हुए ऐसी जगह सील लगाई कि मत ही निरस्त हो गया। हालांकि उपाध्यक्ष पद में ऐसा नहीं हुआ और कांग्रेस के विवेक पटेल की एक वोट से जीत हुई।

यह रही स्थिति

कुल सदस्य – 17

कांग्रेस समर्थित- 09

भाजपा समर्थित – 8

उपाध्यक्ष पद के लिए दो उम्मीदवार मैदान में

कांग्रेस के विवेक पटेल को प्राप्त मत- 09
भाजपा के सत्येन्द्र सिंह को प्राप्त मत – 08

परिणाम- 1 मत से कांग्रेस के विवेक पटेल जीते

अध्यक्ष पद के उम्मीदवार – 2

भाजपा उम्मीदवार संतोष बरकड़े को प्राप्त मत- 08
कांग्रेस उम्मीदवार रामकुमार सैयाम को प्राप्त मत -07

निरस्त मत- 02

परिणाम- 1 वोट से भाजपा के संतोष बरकड़े चुनाव जीते

सुबह से ही गहमागहमी
जबलपुर जिला पंचायत चुनाव में कांग्रेस के बहुमत के दावे के बीच दो निरस्त हुए मतों से अध्यक्ष की कुर्सी पर भाजपा ने कब्जा कर लिया। अध्यक्ष पद अपनी झोली में मान कर चल रही कांग्रेस को दो मत निरस्त होने से से झटका लगा। एक मत से भाजपा समर्थित संतोष बरकड़े ने जीत दर्ज कर ली। उपाध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में भाजपा उम्मीदवार की हार हो गई। कांग्रेस के विवेक पटेल एक मत से उपाध्यक्ष का चुनाव जीत गए।
जिला पंचायत कार्यालय के बाहर शुक्रवार सुबह से ही गहमागहमी का माहौल रहा। कांग्रेस समर्थक सभी 9 सदस्य सुबह एक साथ परिसर में पहुंच गए थे। जबकि भाजपा के पहले पांच सदस्य एक साथ आए। इसके बाद तीन अन्य सदस्य साथ आए। प्रक्रिया शुरू होने के बाद भाजपा ने संतोष कुमार बरकड़े को तो कांग्रेस ने रामकुमार सैयाम को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार तय किया। मतदान में सभी 17 सदस्यों ने भाग लिया। दोपहर को परिणाम आए। जिसमें भाजपा उम्मीदवार संतोष कुमार को 8 मत मिले। जबकि कांग्रेस उम्मीदवार रामकुमार को 7 मत मिले। 2 मत निरस्त हो गए। इस तरह एक मत से भाजपा के संतोष जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित हो गए।
अध्यक्ष के बाद उपाध्यक्ष के लिए निर्वाचन प्रक्रिया प्रारंभ हुई। उपाध्यक्ष के लिए कांग्रेस से विवेक पटेल व भाजपा से सत्येन्द्र सिंह को उम्मीदवार घोषित किया गया। उपाध्यक्ष के लिए विवेक को 9 मत व सत्येन्द्र सिंह को 8 मत मिले। इस तरह एक मत से उपाध्यक्ष पद कांग्रेस के खाते में चला गया।
निरस्त मतों से से बिगड़ा समीकरण

जिला पंचायत अध्यक्ष व उपाध्यक्ष चुनाव के लिए यहां काफी गहमागहमी रही। कांग्रेस की ओर से विधायक संजय यादव, विधायक लखन घनघोरिया, विधायक तरुण भनोत, विधायक विनय सक्सेना, जिला ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष राधेश्याम चौबे, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राजेश पटेल, महापौर व नगर कांग्रेस अध्यक्ष जगत बहादुर सिंह अन्नू, सौरभ शर्मा सहित कांग्रेस के कई बड़े नेता यहां मौजूद रहे। उधर भाजपा की ओर से विधायक अजय विश्नोई, विधायक इंदु तिवारी, जिला अध्यक्ष रानू तिवारी, प्रभात साहू सहित कई बड़े नेता मौजूद थे। दोपहर 2 बजे जब परिणाम घोषित हुआ तो कांग्रेस खेेमे में सन्नाटा छा गया। कांग्रेस समर्थित 9 सदस्यों में से 2 सदस्यों ने क्रास वोटिंग कर दी। जिससे अध्यक्ष की कुर्सी कांग्रेस के हाथ से फिसल गई। कांग्रेस को उपाध्यक्ष का पद लेकर ही संतोष करना पड़ा। उपाध्यक्ष विवेक पटेल एक मत से चुनाव जीत गए। विवेक को सभी नौ कांग्रेसियों के मत मिले।

– निरस्त मत चर्चा का विषय

निर्वाचन के बाद उन सदस्यों के नाम को लेकर चर्चाओं का दौर गर्म हो गया। जिनके मत निरस्त हो गए। कांग्रेस खेमे के मौजूद बड़े नेताओं ने अपने स्तर पर ऐसे सदस्यों की पहचान करने की कोशिश की। हलांकि यह पता नहीं चल सका। अध्यक्ष का चुनाव हारने के बाद कांग्रेस की अंदरुनी कलह सतह पर आ गई। उधर अध्यक्ष के चुनाव प्रबंधन पर भी सवाल उठने लगे। अध्यक्ष का चुनाव हारने के बाद कांग्रेस के अधिकांश बड़े नेता वहां से चले गए। विधायक संजय यादव वहां मौजूद रहे।
– इस तरह निरस्त हुए दोनों मत

जानकारी के अनुसार मतदान के पूर्व सभी सदस्यों को मतदान की प्रक्रिया बताई जाती है। लेकिन इसके बाद भी मत निरस्त हुए। सूत्रों के हवाले से जो एक मत की सील दोनों उम्मीदवारों के बीच में थी। जबकि दूसरे मत की सील निर्धारित सीमा रेखा के किनारे थे। इस आधार पर इन मतों को निरस्त कर दिया गया।
– एक सप्ताह से कांग्रेस विधायक थे रायपुर में

उधर कांग्रेस ने जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा करने के लिए अपने सदस्यों को रायपुर भेज दिया था। जहां से सभी सदस्य एक दिन पहले ही आए थे और वे साथ में ही रहे। सभी सदस्य साथ में ही मतदान के लिए आए।
भाजपा दो दिन पहले हुई सक्रिय-

सूत्र बताते हैं कि भाजपा जिला पंचायत चुनाव के दो दिन पहले सक्रिय हुई थी। कांग्रेस को उम्मीद थी कि भाजपा के एक जनपद सदस्य को उपाध्यक्ष का पद देकर उसके खेमे में सेंध लगा लेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
– विधायक का आरोप, सरकारी मशीनरी से हारे

उधर जिला पंचायत चुनाव में अध्यक्ष पद पर हुई हार के बाद विधायक संजय यादव ने आरोप लगाया कि सत्ता के सरंक्षण में चुनाव प्रभावित हुए। उन्होंने आरोप लगाया कि इस चुनाव में भाजपा ने सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया।
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