स्टेट साइबर सेल के निरीक्षक विपिन ताम्रकार ने बुधवार को बताया कि एक व्यक्ति पिछले दिनों अपने परिचित को 15 हजार रुपए गूगल पे के माध्यम से ट्रांसफर कर रहा था। रकम ट्रांसफर नहीं हो सकी। वालेट में भी रकम नहीं होने पर उन्होंने गूगल से गूगल कस्टमर केयर का नम्बर सर्च कर फोन लगाया। गूगल पे का असल नम्बर बिजी आया।
इसके कुछ देर बाद पीडि़त के मोबाइल पर फोन आया। बात करने वाले ने खुद को गूगल पे का अधिकारी बताते हुए पूरी जानकारी ली। एक अन्य व्यक्ति से बात भी कराई, जिसे मैनेजर बताया। दोनों ने उसे एक फॉर्म भरने के लिए कहा। यह भी कहा कि फार्म भरने के कुछ देर बाद रकम उसे वापस कर दी जाएगी। इसके बाद साइबर ठगों ने मैसेज के जरिए उसे एक लिंक भेजा। लिंक पर क्लिक करते ही लिंक के जरिए आई फाइल के माध्यम से उसके फोन की स्क्रीन मिररिंग हो गई और साइबर ठगों की स्क्रीन पर नजर आने लगी। साइबर ठगों ने उस व्यक्ति से कुछ जानकारियां ऑनलाइन भरवाई और जल्द ही रकम वापस मिलने की बात कहकर फोन काट दिया। स्क्रीन मिररिंग के जरिए ठगों ने उक्त व्यक्ति का मोबाइल एक्सेस लेकर एकाउंट से साढ़े चार लाख रुपए पार कर दिए।