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ये है दबंग बहुओं का शहर, डरकर रहते हैं ससुराल वाले

locationजबलपुरPublished: Jun 25, 2018 01:36:28 pm

Submitted by:

Lalit kostha

ये है दबंग बहुओं का शहर, डरकर रहते हैं ससुराल वाले

dabang dulhan

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जबलपुर. ‘सर! बहू धमकी दे रही है कि आत्महत्या कर फंसा देगी। वह बार-बार मायके चली जाती है। अभी शादी के चंद रोज भी नहीं हुए।’ एक महिला ने रविवार को महिला थाने में आयोजित परिवार परामर्श केंद्र में यह बात रखी। यह तो केवल एक मामला था, जबकि हकीकत यह है कि अधिकतर बहुएं कानून का दुरुपयोग कर ससुराल वालों को अपने इशारों पर चलने के लिए मजबूर कर रही हैं। उनकी धमकियों के चलते खुशहाल परिवार में मानसिक परेशानियां बढ़ रही हैं। ऐसे में परिजन बहुओं से मिलने वाली धमकी या फिर उससे बचने के लिए विवाद के पूर्व ही पुलिस थानों व परिवार परामर्श केन्द्रों में लिखित सूचना देने को मजबूर हो रहे हैं। उनका मानना है कि बहु ने यदि किसी दिन कोई गलत कदम उठा लिया तो यह आवेदन उनकी रक्षा कर सकेगा।

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परिवार परामर्श केंद्र में पांच साल में आए मामले
20 हजार शिकायतों में से 12 हजार बहुओं के खिलाफ, देती हैं धमकी

दरअसल, परिवार परामर्श केंद्र में पांच साल में लगभग 20 हजार आवेदन पति-पत्नी के विवाद के पहुंच चुके हैं। इसमें 12 हजार आवेदनों में बहू की धमकी की शिकायतें हैं। आलम ये है कि औसतन रोज एक आत्महत्या की वजह पति-पत्नी के बीच के रिश्तों की खटास होती है। परिवार परामर्श केंद्र पहुंचे दम्पती सिर्फ इस कारण एक-दूसरे से अलग रह रहे हैं कि उनके बीच शक का दायरा बढ़ गया है। इस दायरे को खत्म करने के लिए पारिवारिक स्तर पर प्रयास किए जाना बहुत आवश्यक है। अन्यथा आने वाले दिनों में शादी के पूर्व परिजनों को बहुत सी बातें सोचने पर मजबूर होना होगा।

शादी के चंद दिनों बाद बचाव में दे रहे आवेदन
परामर्श केंद्र में कुछ एेसे भी रोचक मामले सामने आए, जिसमें शादी के चंद दिनों बाद लडक़े या फिर उसके पिता की तरफ से बचाव में आवेदन दिए जा रहे हैं। इसमें आशंका व्यक्त की गई है कि उनकी बहू आत्महत्या कर परिवार के सदस्यों को फंसा सकती है। हालांकि, एेसे आवेदनों को परिवार परामर्श केंद्र के सदस्यों ने लौटा दिया।

परिवार परामर्श केंद्र का उद्देश्य पति-पत्नी के बीच की कटुता दूर करना होता है। लेकिन, बड़ी संख्या में एेसे लोग भी आवेदन लेकर आ रहे हैं, जिसमें बचाव के लिए लोग बहू की आत्महत्या का संदेह व्यक्त करते हैं।
– अंशुमान शुक्ला, परिवार परामर्श केंद्र प्रभारी

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