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दलित नेता ने कुछ ऐसा बोला कि सड़क पर लाठियां लेकर उतर आयी आदिवासी महिलाएं, देखें वीडियो

locationजबलपुरPublished: Feb 19, 2018 06:48:46 pm

Submitted by:

Premshankar Tiwari

सड़क पर कई किमी तक पैदल दौड़ी महिलाओं की भीड़

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जबलपुर/सिहोरा। राष्ट्रीय दलित महासभा की सोमवार को सिहोरा में रैली हुई। रैली में जैसे ही दलित नेता ने कुछ बोलना शुरू किया वहां मौजूद आदिवासी महिलाओं ने अपने-अपने हाथों में लाठियां उठा ली। देखते ही देखते ही आदिवासी महिलाओं की भीड़ ने सड़क पर तेजी से चलना शुरू कर दिया। दरअसल, राष्ट्रीय दलित महासभा के संयोजन में गोरी तिराहा में भूमिहीन आदिवासियों ने प्रदर्शन किया। प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही इस भीड़ में दलित और आदिवासी महिलाएं भी थी। जो हाथों में लाठियां थामकर सरकार के खिलाफ नारे लगा रही थी।
एसडीएम के सामने आमसभा
दलित महासभा की रैली गौरी तिराहा से प्रारम्भ हुई। भूमिहीन आदिवासियों की रैली में हाथो में लाठियां लिए दलित महिलाए जय भीम का नारा लगाते हूए चल रही थीं। रैली सिहोरा एसडीएम कार्यालय पहूंची। एसडीएम कार्यालय के बाहर महिलाओं और पुरुषों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। यहीं, आमसभा का भी आयोजन किया गया। जिसमें दलित महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय भारतीय ने कहा कि प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी सरकार गरीब, दलितों और आदिवासियों के साथ सिर्फ छलावा कर रह है। एक साल में प्रदेश में अपनी भूमि पर काबिज आदिवासी परिवारों को न तो पट्टे दिए गए और न उनका हक।
यहां सर्वे तक नहीं
राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष केशकली कोल ने बताया कि रीवा जिले में सरकारी भूमि पर काबिज आदिवासी, गरीब परिवारों को पट्टे दिए जा रहे हैं, लेकिन जबलपुर जिले में अभी तक सर्वे तक का काम शूरू नही हुआ। सरकार की कथनी और करनी में अन्तर है। दलित आदिवासियों को सिर्फ वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
ये हैं प्रमुख मांगे
महासभा के जिला अध्यक्ष गौरी शंकर साकेत ने बताया कि हर भूमिहीन, गरीब, दलित आदिवासी समाज की महिलाओं को पांच एकड़ भूमि दी जाए। सरकार अपने खर्चें पर जमीनें अधिग्रहित या खरीदकर कर भूमिहीनों को बांटे। जो जहा पर सरकारी जमीन पर बसा है, उसे उतनी जमीन का आवासीय पटटा दिया जाए। वन अधिकार क़ानून के तहस आदिवासियों जमीन पर हक तुरन्त स्वीकार किया जाए।

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