एक्सपर्ट आशीष मिश्रा का कहना है कि मोबाइल फोन में कम से कम एप्लिकेशन रखे जाने चाहिए। क्योंकि जब भी आप कोई नया एप्लिकेशन डाउनलोड करते हैं तो वह इंस्टॉलेशन के बाद आइ एग्री का ऑप्शन मांगता है। एेसे आपकी सारी इन्फॉर्मेशन सम्बंधित एप से स्टोर होकर शेयर हो जाती है। इसके लिए जरूरी है कि यूज न होने वाले एप्लिकेशन को क्लीयर डाटा करके अनइंस्टॉल कर देना चाहिए।
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– वाट्सएप और फेसबुक पर आने वाली अननोन लिंक, फाइल, म्यूजिक और वीडियो को ओपन न करें।
– किसी भी एप का इस्तेमाल बेहद जरूरी होने और रेटिंग के अनुसार ही करें।
– फोन का पासवर्ड लगातार चेंज करते रहें।
– कम्प्यूटर पर माइक्रोसॉप्ट बिट लॉकर और फोल्डर लॉक जैसे सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करें।
– आपत्तिजनक फोटो क्लिक करने से बचें, क्योंकि यह गूगल पर सेव हो सकती है।
– जरूरी पासवर्ड को मोबाइल में सेव न करें, क्योंकि ट्रू कॉलर में यह नम्बर्स सेव की हुई नजर आती है।
– कम्प्यूटर में फोल्डर लॉक और व’र्यू जैसे सॉफ्टवेयर का उपयोग होना चाहिए। इसके साथ ही स्मार्टफोन पर सिक्योर माय डाटा के साथ समय-समय पर एंटी वायरस एप की रन करना चाहिए, जिससे मालवेयर और रिस्की लिंक ऑटो डिलीट हो जाती है।
– वाट्सएप और फेसबुक पर आने वाली अननोन लिंक, फाइल, म्यूजिक और वीडियो को ओपन न करें।
– किसी भी एप का इस्तेमाल बेहद जरूरी होने और रेटिंग के अनुसार ही करें।
– फोन का पासवर्ड लगातार चेंज करते रहें।
– कम्प्यूटर पर माइक्रोसॉप्ट बिट लॉकर और फोल्डर लॉक जैसे सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करें।
– आपत्तिजनक फोटो क्लिक करने से बचें, क्योंकि यह गूगल पर सेव हो सकती है।
– जरूरी पासवर्ड को मोबाइल में सेव न करें, क्योंकि ट्रू कॉलर में यह नम्बर्स सेव की हुई नजर आती है।
– कम्प्यूटर में फोल्डर लॉक और व’र्यू जैसे सॉफ्टवेयर का उपयोग होना चाहिए। इसके साथ ही स्मार्टफोन पर सिक्योर माय डाटा के साथ समय-समय पर एंटी वायरस एप की रन करना चाहिए, जिससे मालवेयर और रिस्की लिंक ऑटो डिलीट हो जाती है।