वार्ड में भर्ती दूसरे मरीज की मौत
मृत्यु प्रमाण पत्र में गड़बड़ी से जुड़ा मामला 2 जुलाई का है। मेडिकल प्रबंधन के अनुसार स्वाइन फ्लू संदिग्ध होने पर 60 वर्षीय एक महिला को 30 जून को मेडिकल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया था। वार्ड में पहले से एक 55 वर्षीय पुरुष भी स्वाइन फ्लू के संदेह में भर्ती था। पुरुष मरीज की 2 जुलाई को उपचार के दौरान मौत हो गई। उसी दौरान 60 वर्षीय महिला मरीज को कार्डियक अरेस्ट होने पर मेडिसिन वार्ड के आइसीयू में शिफ्ट किया गया। ट्रीटमेंट फाइल को लापरवाहीपूर्वक मृत मरीज के साथ भेज दिया गया। जिम्मेदारों ने बिना देखे-जांचे ट्रीटमेंट फाइल पर दर्ज महिला मरीज के नाम पर ही मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया।
दो दिन तक चुप्पी से संदेह
मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के मामले में आइसोलेशन वार्ड से लेकर मेडिसिन वार्ड तक में लापरवाही हुई। दोनों से संबंधित जिम्मेदारों को गड़बड़ी की जानकारी थी। उसके बावजूद इस बड़ी लापरवाही पर जिम्मेदारों ने दो दिन तक परदा डाले रखा। प्रबंधन द्वारा जब जानकारी तलब की गई तो फाइल बदलने से प्रमाण पत्र बनाने में चूक की दलील दी गई। सूत्रों के अनुसार घटना के वक्त ड्यूटी से सीनियर ड्यूटी डॉक्टर गायब था। ऐसे में दो दिन तक गड़बड़ी को छिपाने की कोशिश से मामले में लापरवाही बरते जाने की आशंका बढ़ गई है।
एक मरीज के नाम पर गलत मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होने संबंधी शिकायत मिली है। प्रारंभिक तौर पर लापरवाही के मामले में एक सीनियर रेसीडेंट और एक पीजी स्टूडेंट को सस्पेंड किया गया है। मामले की जांच कराई जा रही है।
– डॉ. नवनीत सक्सेना, डीन, एनएससीबी मेडिकल कॉलेज