यह है मामला
शर्मा ने जनवरी 1996 में यह याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया था कि उन्होंने मप्र हाउसिंग बोर्ड की योजना के तहत प्लॉट आवंटन के लिए आवेदन दिया था। उन्होंने निर्धारित रकम भी बोर्ड को चुकाई। लेकिन बोर्ड ने उन्हें यह प्लॉट आवंटित नहीं किया। बल्कि उक्त प्लॉट दूसरे को आवंटित कर दिया। इस मामले में शर्मा ने २००५ में अवमानना याचिका भी लगाई थी। दोनों याचिकाओं की सुनवाई एक साथ की गई।अयोध्या नगर में आया पसंद
बरसों से लंबित मामले की अंतिम सुनवाई के लिए दोनों पक्षों के वकीलों की सहमति व कोर्ट के निर्देश पर हाउसिंग बोर्ड के संपदा अधिकारी सुनील चेलानी कोर्ट में हाजिर हुए। उन्होंने बताया कि 30 नवंबर को दिए गए कोर्ट के निर्देश पर हाउसिंग बोर्ड की ओर से याचिकाकर्ता के परिजनों को भोपाल के अयोध्या नगर की जमीन दिखाई। यहां स्थित २१६ वर्ग मीटर क्षेत्रफल का प्लॉट क्रमांक 252 का प्रस्ताव उन्होंने स्वीकार कर लिया। चेलानी ने कोर्ट को बताया कि ७ दिसंबर को दिए निर्देश के अनुसार उक्त प्लॉट के लिए अतिरिक्त प्रीमियम की राशि 12,96,636 रुपए है। जबकि इसकी वार्षिक लीज रेंट ७१३२ रुपए सालाना होगी। दोनो पक्षों की ओर से इस जमीन के आवंटन पर सहमति जताई गई।दो किश्त में भुगतान की इजाजत
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि वे दो किश्तों में भुगतान कर सकते हैं। इस पर कोर्ट ने उन्हें मोहलत देते हुए कहा कि वे पांच लाख रुपए 31 दिसंबर तक व शेष राशि 31 जनवरी तक अदा कर दें। दोनो पक्षों के सहमत होने पर कोर्ट ने इस निर्देश के साथ याचिका का निराकरण कर दिया कि उक्त राशि जमा किए जाने के पंद्रह दिनों के अंदर लीज डीड संपादित की जाए। याचिकाकर्ता का पक्ष अधिवक्ता संजय अग्रवाल व हाउसिंग बोर्ड का पक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता मृगेंद्र सिंह के साथ अधिवक्ता अमित खत्री ने रखा। शर्मा ललितपुर-झांसी संसदीय क्षेत्र से 1980-84 तक कांग्रेस सांसद रहे। भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर 1991-96 तक संसद सदस्य रहे।