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डेंगू का फिर बढ़ा खतरा, एक की मौत, तेज सिरदर्द के साथ बुखार खतरनाक

locationजबलपुरPublished: Nov 24, 2019 12:02:48 pm

Submitted by:

deepankar roy

सर्दी के असर नहीं दिखाने से मच्छरों का प्रभाव बढ़ा, एक सप्ताह में मिले कई संदिग्ध

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जबलपुर. ठंड के असर नहीं दिखाने से मच्छरों का हमला फिर बढ़ गया है। इसके साथ ही डेंगू का डंक भी असर दिखा रहा है। तापमान में बदलाव के बीच बीते कुछ दिनों में डेंगू के संदिग्ध मरीज मिले हैं। एक डेंगू पीडि़त नाबालिग की मौत हो चुकी है। एक सप्ताह में करीब दस से ज्यादा मरीज डेंगू पॉजीटिव पाए गए हैं। इसमें ज्यादातर मरीज तेज सिरदर्द के साथ बुखार से पीडि़त थे। दो-तीन दिन तक दवा खाने के बाद जब राहत नहीं मिली तो मरीज अस्पताल पहुंचे। जांच कराने पर डेंगू पीडि़त मिले। चिकित्सक इस मौसम में बुखार के साथ सिर, बदन दर्द को खतरनाक मान रहे है। ऐसे लक्षण पर तुरंत जांच कराने की बात कह रहे हैं।

केस-1 : पांच दिन बाद पता चला

रांझी क्षेत्र के एक व्यक्ति को पिछले सप्ताह बुखार आया। शरीर में दर्द हुआ। नजदीकी क्लिनिक में डॉक्टर ने संदेह के आधार पर मरीज का डेंगू टेस्ट कराया। ये निगेटिव आया। तीन दिन तक दवा खाने के बाद भी सेहत नहीं सुधरी। हालत बिगड़ी तो दोबारा टेस्ट कराया। इसमें पॉजीटिव मिला।

केस-2 : प्लेटलेट्स घटी नहीं

राइट टाउन क्षेत्र के एक 34 वर्षीय युवक को बुखार हुआ। दो-तीन दिन तक सामान्य बुखार की दवा खाने के बाद भी युवक को राहत नहीं मिली। सिर में तेज दर्द रहने लगा। डॉक्टर ने पैथोलॉजी टेस्ट कराएं तो युवक की प्लेटलेट्स एक लाख 60 हजार मिली। साथ ही वह डेंगू पॉजीटिव था।

केस-3 : कमजोरी से बिगड़ी हालत

विजय नगर निवासी एक महिला को बुखार हुआ। घर में सामान्य बुखार की दवा ली। इस बीच महिला को कमजोरी महसूस हुई और अचानक स्वास्थ्य में तेजी गिरावट आने लगी। डॉक्टर ने जांच कराई तो महिला के शरीर में महज 30 हजार प्लेटलेट्स थे।

बदलते मौसम से संक्रमण

एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से डेंगू बुखार होता है। इस मच्छर का अंडा पानी के संपर्क में आते ही लार्वा में बदल जाता है। अंडे इतने छोटे होते है कि आंखों से नजर नहीं आते है। जानकारों के अनुसार ठंड बढऩे के साथ ही मच्छर पनपना कम हो जाता है। इस वर्ष अक्टूबर माह के आखिरी दिनों में ठंड के आहट के साथ मच्छरों का हमला कुछ कम हुआ था। लेकिन नवंबर का आधा महीना बीतने के तापमान में उतार-चढ़ाव और पारा सामान्य से ऊपर होते ही मच्छर फिर पनपने लगे है। ठंडे-गर्म के बीच लार्वा पनप रहा है। इससे डेंगू का डंक एक बार फिर लोगों को बीमार कर रहा है।
यह है स्थिति

25-30 प्रतिशत मरीज मेडिसिन में, ओपीडी के कुल मरीजों में

05 से ज्यादा संदिग्ध मरीजों की प्रतिदिन कराई जा रही डेंगू जांच

02 से ज्यादा मरीज जांच के दौरान प्रत्येक सप्ताह मिल रहे पॉजीटिव
02 सौ से ज्यादा डेंगू मरीज सरकारी रेकॉर्ड के अनुसार इस सीजन में

दूसरे क्षेत्र से आ रहे मरीज

चिकित्सकों के अनुसार डेंगू संदिग्ध मरीज ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही शहर के पॉश इलाकों और उनसे जुड़ी बस्तियों के है। पिछले वर्ष जिन दो क्षेत्रों में चिकुनगुनिया बुखार का संक्रमण फैला था। उन क्षेत्रों से कुछ गिने-चुने मरीज ही सामने आए हैं। डेंगू बुखार के पीडि़त राइट टाउन, सिविल लाइंस, घमापुर, रांझी और ग्वारीघाट क्षेत्रों में मिल रहे हैं।
इन लक्षण की अनदेखी न करें

– ठंड लगने के बाद तेज बुखार
– मांसपेशियों, जोड़ व सिर दर्द
– भूख न लगना। कमजोरी लगना।
– आंखों में दर्द महसूस होना
– मितली या उल्टी आना।
– गले में खराश
– शरीर में लाल चकते बनना

बचाव के लिए उपाय

– ऐसे कपड़े पहने जिससे त्वचा ढकी रहे और मच्छर काट न पाए।
– सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें।
– मच्छर भगाने वाली सामग्री का उपयोग।
– खिडक़ी-दरवाजे में मच्छर रोकने जाली।
– आसपास कहीं पानी का जमाव न होने दें।
– बुखार आने पर तुरंत चिकित्सक से जांच।

आइजीएम पॉजीटिव ही पीडि़त

जिला मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनीष मिश्रा के अनुसार शहर में किसी भी प्रकार का संक्रमण न फैलें, इसे लेकर सतर्क है। डेंगू को लेकर स्थिति नियंत्रण में है। कुछ जगह पर एनएस-1 टेस्ट पॉजीटिव होने पर मरीज को डेंगू बताया जा रहा है। लेकिन आइजीएम टेस्ट पॉजीटिव होने पर ही मरीज डेंगू पीडि़त माना जाता है।

 

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