केस-1 : पांच दिन बाद पता चला
रांझी क्षेत्र के एक व्यक्ति को पिछले सप्ताह बुखार आया। शरीर में दर्द हुआ। नजदीकी क्लिनिक में डॉक्टर ने संदेह के आधार पर मरीज का डेंगू टेस्ट कराया। ये निगेटिव आया। तीन दिन तक दवा खाने के बाद भी सेहत नहीं सुधरी। हालत बिगड़ी तो दोबारा टेस्ट कराया। इसमें पॉजीटिव मिला।
केस-2 : प्लेटलेट्स घटी नहीं
राइट टाउन क्षेत्र के एक 34 वर्षीय युवक को बुखार हुआ। दो-तीन दिन तक सामान्य बुखार की दवा खाने के बाद भी युवक को राहत नहीं मिली। सिर में तेज दर्द रहने लगा। डॉक्टर ने पैथोलॉजी टेस्ट कराएं तो युवक की प्लेटलेट्स एक लाख 60 हजार मिली। साथ ही वह डेंगू पॉजीटिव था।
केस-3 : कमजोरी से बिगड़ी हालत
विजय नगर निवासी एक महिला को बुखार हुआ। घर में सामान्य बुखार की दवा ली। इस बीच महिला को कमजोरी महसूस हुई और अचानक स्वास्थ्य में तेजी गिरावट आने लगी। डॉक्टर ने जांच कराई तो महिला के शरीर में महज 30 हजार प्लेटलेट्स थे।
– ठंड लगने के बाद तेज बुखार
– मांसपेशियों, जोड़ व सिर दर्द
– भूख न लगना। कमजोरी लगना।
– आंखों में दर्द महसूस होना
– मितली या उल्टी आना।
– गले में खराश
– शरीर में लाल चकते बनना
बचाव के लिए उपाय
– ऐसे कपड़े पहने जिससे त्वचा ढकी रहे और मच्छर काट न पाए।
– सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें।
– मच्छर भगाने वाली सामग्री का उपयोग।
– खिडक़ी-दरवाजे में मच्छर रोकने जाली।
– आसपास कहीं पानी का जमाव न होने दें।
– बुखार आने पर तुरंत चिकित्सक से जांच।
आइजीएम पॉजीटिव ही पीडि़त
जिला मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनीष मिश्रा के अनुसार शहर में किसी भी प्रकार का संक्रमण न फैलें, इसे लेकर सतर्क है। डेंगू को लेकर स्थिति नियंत्रण में है। कुछ जगह पर एनएस-1 टेस्ट पॉजीटिव होने पर मरीज को डेंगू बताया जा रहा है। लेकिन आइजीएम टेस्ट पॉजीटिव होने पर ही मरीज डेंगू पीडि़त माना जाता है।