मच्छर पनपने से नहीं रोक पा रहे
चिकनगुनिया और डेंगू पर अंकुश के लिए स्वास्थ्य विभाग सर्दी बढऩे का इंतजार कर रहा था। जानकारों के अनुसार दीपावली से लेकर अभी तक पारा कई बार ऊपर-नीचे हो चुका है। सर्द-उमस के बीच मच्छरों की नई खेप पैदा हो रही है। इसके चलते चिकनगुनिया और डेंगू जैसी बीमारी का संक्रमण कम नहीं हो पा रहा है। शहर में फैली गंदगी और जगह-जगह नालों में गंदा पानी जमा होने के कारण मच्छरों के पनपने को रोक नहीं पा रहे हैं।
हर दिन आ रहे नए संदिग्ध
चिकित्सकों के अनुसार ओपीडी में चिकुनगुनिया के मरीजों की संख्या बीते महीने के मुकाबले कम हुई है। लेकिन डेंगू के औसतन हर दिन 10-12 संदिग्ध मरीज मिल रहे हैं। जांच में औसतन हर दिन दो मरीज पॉजीटिव पाए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के रेकॉर्ड में फिलहाल डेंगू के कोई मरीज नहीं है।
ये लापरवाही भी बढ़ा रही मर्ज
– बीमारी रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग मौसम पर आश्रित। सर्दी बढऩे का इंतजार।
– मच्छरों का लार्वा मारने की मलेरिया विभाग की कार्रवाई ठप। कागजों में रिपोर्ट।
– नगर निगम मच्छर माने के लिए फॉगिंग मशीन और दवा का नियमित छिडक़ाव नहीं।
– नालों में जमा गंदा पानी। मोहल्लों में नियमित कचरा नहीं उठना। गंदगी से बजबजा रही नालियां।
– डेंगू संक्रमित मरीज के घर के आसपास बीमारी के सर्वे की कार्रवाई ठप।
– अस्पतालों में डेंगू, चिकनगुनिया के संक्रमितों के लिए अलग वार्ड नहीं।
– संक्रमित व्यक्ति और क्षेत्रों में लोगों की लापरवाही।
– एक-दूसरे को फैल रहा संक्रमण
ये है स्थिति
70 हजार से ज्यादा चिकनगुनिया के पीडि़त।
03 हजार से अधिक लोग डेंगू के पॉजीटिव।
300 सौ से ज्याद लोगों की दोनों बीमारी से मौत।
(नोट: अगस्त से नवंबर के बीच मरीजों की संख्या)
जानकारों का मत
ठंड ने दस्तक दे दी है। मरीजों की संख्या काफी कम हो गई है। चिकनगुनिया के नए मरीज अब नहीं आ रहे हैं। डेंगू के मामले की जानकारी ली जा रही है।
– डॉ. मुरली अग्रवाल, सीएमएचओ
चिकुनगुनिया और डेंगू का संदेह होने पर डॉक्टर अपने अनुभव से लक्षण के आधार पर बीमारी का उचित उपचार कर सकता है। नियमित चैकअप जरूरी है।
– डॉ. मनोज पाराशर, रिटायर्ड प्रोफेसर, मेडिकल कॉलेज
चिकनगुनिया, डेंगू को लेकर एलौपैथी में कोई सीधा उपचार नहीं है। इसमें सावधानी बरतने के साथ ही अन्य नुकसान न हो उससे बचने के लिए ही डॉक्टर जरूरी दवा दे सकते है।
– डॉ. अनुपम श्रीवास्तव, हृदय रोग विशेषज्ञ