जबलपुर। लगभग एक महीने से जबलपुर शहर में फैल रहा डेंगू अब जानलेवा होने लगा है। रविवार को एक महिला आरक्षक की डेंगू से मौत हो गई। इसे मिलाकर दस लोगों की अभी तक डेंगू जान ले चुका है। हालांकि, डेंगू से एक भी मौत की पुष्टि स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक नहीं की है। इस बार वायरल बुखार भी काबू में नहीं आ रहा है। हर दिन लगभग पांच सौ नए बुखार पीडि़त अस्पताल पहुंच रहे हैं। अस्पतालों में खाली बिस्तर नहीं मिलने और उपचार में आ रही समस्या से वायरल बुखार के पीडि़तों की हालत भी बिगड़ रही है।
स्वास्थ्य विभाग का सर्वे बता रहा इतने बीमार
& सितंबर : 781
4 सितंबर : 617
6 सितंबर : 622
7 सितंबर : 518
8 सितंबर : 1001
9 सितंबर : 810
11 सितंबर : 512
नोट: मलेरिया विभाग और नगर निगम के सर्वे में मिले बुखार पीडि़त।
एलायजा टेस्ट की कम संख्या से बिगड़ी स्थिति
डेंगू मरीजों की पुष्टि के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एलायजा टेस्ट की गाइडलाइन बनाई है। लेकिन, एलायजा टेस्ट ही कम हो रहे है। चारों तरफ बीमारी फैलने के बाद रविवार को जिला अस्पताल में एलायजा टेस्ट बंद रहा। जानकारों के अनुसार एलायजा टेस्ट में फुर्ती नहीं दिखाए जाने से स्वास्थ्य विभाग डेंगू के तेजी फैले डंक की जानकारी नहीं टटोल सका। म’छरों का हमला रोकने के लिए नगर निगम ने भी देर से कदम उठाए। घनी बस्तियों में डेंगू मरीज मिलने और संदिग्धों की मौत पर प्रशासन का रवैया ढुलमुल रहा। शहर में डेंगू की दस्तक रांझी की घनी बस्तियों में हुई। यहां एक महीने से बुखार और डेंगू का हमला जारी है। रांझी पुलिस आवास और छठी बटालियन में सौ लोग डेंगू की जकड़ में आ चुके हैं। यहां घनी बस्तियों में लगभग हर दूसरे-तीसरे घर में बुखार के मरीज हैं। इसके बावजूद क्षेत्र में बढ़ती बीमारी पर अभी तक काबू नहीं पाया जा सका। वायरल बुखार ने लगभग पूरे शहर को अपनी जद में ले लिया है। डेंगू के अलावा चिकिनगुनिया,, मलेरिया के मरीज अब पॉश इलाके से भी सामने आने लगे हैं। अस्पतालों में सामान्य बेड खाली नहीं होने पर नए गम्भीर मरीजों को उपचार मिलना मुश्किल हो रहा है।