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मेडिकल कॉलेजों की तरह अब डेंटल और आयुष कॉलेजों को भी बनाना होगा कैजुअल्टी, तभी मिलेगी मान्यता

locationजबलपुरPublished: Nov 18, 2019 12:36:58 am

Submitted by:

abhishek dixit

मेडिकल कॉलेजों की तरह अब डेंटल और आयुष कॉलेजों को भी बनाना होगा कैजुअल्टी, तभी मिलेगी मान्यता

Ayurved college

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जबलपुर. मेडिकल कॉलेजों की तरह डेंटल और आयुष कॉलेजों के हॉस्पिटल में भी आकस्मिक विभाग (कैजुअल्टी) बनाना जरूरी होगा। कॉलेजों को शिक्षण पाठ्यक्रमों के संचालन की मान्यता तभी मिलेगी, जब उनके हॉस्पिटल में कैजुअल्टी होगी। सूत्रों के अनुसार एमसीआई की जगह काम कर रही बोर्ड ऑफ गवर्नर्स टीम ने मेडिकल कॉलेजों के लिए कैजुअल्टी का प्रावधान किया है। डेंटल और आयुष कॉलेजों में भी कैजुअल्टी अनिवार्य है। अस्तपाल में बुनियादी सुविधाएं, नवीन चिकित्सा उपकरण, पर्याप्त औषधियों के साथ आकस्मिक विभाग नहीं होने पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय कॉलेजों को नए सत्र के लिए मान्यता जारी नहीं करेगा।

मान्यता के लिए डेंटल कॉलेजों का निरीक्षण डीसीआई और आयुष कॉलेजों का निरीक्षण सीसीआईएम करती है। टीम कॉलेजों का निरीक्षण कर केंद्र सरका रको रिपोर्ट सौंपती है। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय मान्यता पर अंतिम निर्णय करता है। आयुष मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. राकेश पांडे के अनुसार केंद्र सरकार मेडिकल, डेंटल और आयुष कॉलेजों में कैजुअल्टी अनिवार्य करने के नियम का कड़ाई से पालन करने की तैयारी कर रही है। इससे मरीजों को लाभ के साथ ही एमबीबीएस, बीडीएस, बीएचएमएस, बीएएमएस, बीयूएमएस के छात्र-छात्राओं को बेहतर प्रशिक्षण का अवसर मिलेगा।

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