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नाबालिक बेटी को बेच दिया बाजार में, अब दर-दर भटक रही मां, जानिए क्या है मामला

locationजबलपुरPublished: Sep 20, 2017 12:54:26 pm

Submitted by:

deepankar roy

पुलिस ने दर्ज किया अपहरण का मामला, इधर पारिवारिक कलह से परेशान होकर बच्चे सहित धुआंधार में आत्महत्या के लिए पहुंची महिला

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जबलपुर। अपनी बेटी की बेहतर परवरिश के लिए एक मां अपनी 13 साल की बच्ची को लेकर एक छोटे से गांव से शहर आयीं। बेटी का एक अच्छा स्कूल में दाखिला कराया। स्कूल की फीस भरने के लिए मां ने शहर में होने वाली शादी-पार्टी में बर्तन धोने का काम करने लगी। लेकिन एक दिन बेटी स्कूल से नहीं लौटी। जब शाम हो जाने के बाद भी बेटी नहीं आयी तो मां बेचैन हुई। बेटी का कोई पता नहीं चलने से परेशान ऊषाबाई ने मंगलवार को पुलिस अधीक्षक के सामने अपना दुखड़ा रोया। नाबालिक बेटी के बाजार में बेचे जाने और किसी अनहोनी की आशंका जताते हुए पुलिस से उसकी बेटी को ढूंढने की गुहार लगाई।
डिंडोरी से काम के लिए जबलपुर आयी
मूल रूप से डिंडोरी की शहपुरा निवासी उषाबाई पति भरतलाल और 13 वर्षीय बेटी वंदना के साथ 20 साल से माढ़ोताल थाना अंतर्गत ड्रीमलैंड में रहती है। ऊषाबाई शादी-विवाह में बर्तन धोने का काम करती है। 20 नवम्बर 2016 को स्कूल से लौटते समय उसकी बेटी का अपहरण हो गया।
फूट-फूट कर रोने लगी
ऊषाबाई ने पुलिस अधीक्षक को बताया कि नौ महीने पहले उसकी 13 वर्षीय बेटी का अपहरण हुआ। लेकिन पुलिस अभी तक उसको खोज नहीं पायी है। कई बार माढोताल पुलिस थाना गई करीब एक सप्ताह तक लगातार चक्कर काटने पर पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज किया। पुलिस अधीक्षक के सामने अपनी पीड़ा बताते हुए महिला फूट-फूट कर रो पड़ी।
बेटी का मैसेज आया
ऊषा बाई ने पुलिस अधीक्षक को बताया कि सप्ताह भर पहले उसके मोबाइल पर उसकी बेटी का मैसेज आया था, जिसमें दो मोबाइल नम्बर व नाम लिखे हैं। इस पर जब संपर्क किया गया तो दोनों नंबर पर किसी ने फोन में बात नहीं की। ऊषाबाई ने इन नंबरों और नाम की जांच और पतासाजी करके बेटी को ढूंढने की गुहार लगाई है।
धुआंधार पहुंची आत्महत्या करने
पारिवारिक कलह के चलते आठ महीने के बच्चे के साथ धुआंधार आत्महत्या करने पहुंची महिला को वहां मौजूद लोगों की सजगता ने बचा लिया। टीआई एमडी नागोतिया के अनुसार महिला बेटे को लेकर शाम छह बजे रोते हुए पैदल धुआंधार की तरफ जा रही थी। उस पर दुकानदार लक्ष्मण व विष्णु की नजर पड़ी तो सूचना दी। आरक्षक हरिओम के साथ वे महिला को खोजते हुए धुआंधार पहुंचे। महिला ब”ो को लेकर छलांग लगाने जा रही थी। उसे रोका तो फूट-फूट कर रोने लगी। बताया कि परिवारिक झगड़े से वह परेशान हो चुकी है। बाद में उसके परिजन को बुलाकर महिला को उनके सुपुर्दगी में भेजा गया।

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