घर से आगे नहीं गया था डॉग
देविका के लापता होने पर 17 जनवरी को डॉग स्क्वॉड टीम मौके पर पहुंची थी। डॉग घर के ईर्द-गिर्द घूम कर रह गया। जबकि दशरथ प्रसाद के घर से चंद कदम दूर उसके गल्व्स मिले थे। पुलिस ने वारदात वाले कुएं सहित कई कुओं की जांच भी की थी, लेकिन किसी में कांटा डालकर तलाश नहीं की थी।
खुलासे की मांग को लेकर प्रदर्शन
मासूम देविका की हत्या से आक्रोशित परिजन और क्षेत्रीय लोगों ने गुरुवार दोपहर 12 बजे तिलवारा थाने के सामने टेंट लगाकर प्रदर्शन किया। उनका आरोप था कि 40 दिन तक पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। परिवार के लोगों ने खुद का नार्को टेस्ट कराने के लिए भी कहा। उनका कहना था, पुलिस असल कातिल को ढूंढ़े। संदेह के आधार पर किसी को परेशान न करे। एएसपी शिवेश सिंह बघेल, सीएसपी रवि चौहान के आश्वासन के बाद तीन बजे प्रदर्शन समाप्त हुआ। प्रदर्शन में देविका के परिजन के अलावा, आशीष ठाकुर, बाल्मीकि समाज के राजेंद्र, दादा दशरथ बाल्मीक, गंगा, शुभम यादव, दिनेश मछंदर, बबलू घेसरे, सोनू खत्री, निश्च्ल, अजु बाल्मीक आदि उपस्थित थे।
ये है मामला
– 16 जनवरी की देर रात भैरव नगर निवासी डेढ़ वर्षीय देविका का अपहरण हुआ था
– आरोपी टूटी दीवार की ईंट हटाकर घर में घुसा था
– 26 फरवरी को घर से 800 मीटर दूर कुएं में देविका का शव मिला।
– घर पर दादा दशरथ प्रसाद, बुआ और दादी भी थी, लेकिन उन्हें पता नहीं चला
-17 जनवरी की सुबह प्रीति की नींद खुली तो देविका नहीं थी
– 23 जनवरी को तिलवारा टीआई निरीक्षक रीना पांडे सहित पांच सदस्यीय एसआईटी गठित हुई
– परिजन के संदेह पर पुलिस ने तीन लोगों को पूछताछ के लिए उठाया, लेकिन पुष्टि के अभाव में छोड़ दिया