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devshayani ekadashi से शुरू होगा चातुर्मास, इसके बाद 18 नवंबर से शुरू होंगे मांगलिक कार्य

locationजबलपुरPublished: Jul 05, 2019 08:30:50 pm

Submitted by:

abhishek dixit

devshayani ekadashi से शुरू होगा चातुर्मास, इसके बाद 18 नवंबर से शुरू होंगे मांगलिक कार्य

जबलपुर. 12 जुलाई से चातुर्मास शुरू होगा। ग्रहों की स्थिति के अनुसार इस बार 12 जुलाई देवशयनी एकादशी को भी मांगलिक कार्यों का मुहूर्त है। उसके बाद चार माह देव शयन होगा। इस दिन सूर्य क्रमश: कर्क, सिंह, कन्या और तुला राशि में रहेंगे। चारों राशि में जब तक सूर्य रहते हैं तब वैवाहिक मुहूर्त नहीं होते हैं। आठ नवम्बर को देव उठनी एकादशी के बाद देवता जागृत होंगे, लेकिन 17 नवम्बर को सूर्य के वृश्चिक राशि में प्रवेश करने के बाद 18 नवम्बर को मांगलिक कार्यक्रम शुरू होंगे।

ज्योतिर्विद जनार्दन शुक्ला के अनुसार, लगन मुहूर्तों के इस अंतिम दौर में सात दिन तक लगातार शादियां होंगी। 10 जुलाई भड़ली नवमीं के अबूझ मुहूर्त पर ज्यादा वर-वधु सात फेरे लेंगे। इस दिन इतनी ज्यादा शादियां होंगी कि बारात घर, होटल, बैंड पार्टी और समाज घरों की बुकिंग पहले ही बुकिंग हो चुकी है। जबकि, इसके बाद चार माह का ब्रेक होगा। चातुर्मास में मांगलिक कार्य प्रतिबंधित रहेंगे।

जनवरी से मार्च तक ज्यादा मुहूर्त
नवम्बर में 9 और दिसम्बर में 6 तिथियों में वैवाहिक मुहूर्त हैं। 16 दिसम्बर को सूर्य धुन राशि में प्रवेश करेंगे तो खरमास शुरू हो जाएगा। उसके बाद एक माह मांगलिक कार्यों पर ब्रेक लग जाएगा। फिर मकर संक्रांति 14 जनवरी के बाद शहनाई की धुन तेज होगी। 16 जनवरी से 12 मार्च तक 19 मुहूर्त रहेंगे। जनवरी में 11, फरवरी में सर्वाधिक 19 और मार्च में 9 मुहूर्त मिलेंगे। उसके बाद नव संवत्सर के पंचांग के अनुसार वैवाहिक मुहूर्त निर्धारित होंगे।

चातुर्मास में धार्मिक कार्य
चातुर्मास में संत जन एक स्थान पर रहकर साधना करते हैं। हालांकि चातुर्मास के धार्मिक अनुष्ठान का विशेष महत्व है। संतों के आश्रमों में धार्मिक कार्यक्रम किए जाएंगे। चातुर्मास के दौरान ही सावन में भगवान भोलेनाथ की साधना की जाएगी। कांवडि़ए अपने कांवड़ में नर्मदा जल भरकर शिवालयों में जाएंगे और जलाभिषेक करेंगे। संस्कारधानी में कांवड़ यात्रा निकालने के साथ शारदा मंदिर मदनमहल में आस्था और उत्साह के साथ प्रत्येक सोमवार को झंडा अर्पित किया जाता है।

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