ये बेटियां नेशनल तक खेलकर देश का नाम गौरवान्वित करना चाहती हैं। वे सुबह जल्दी उठकर घर का काम करने के साथ-साथ पढ़ाई करती हैं और खेलने भी जाती हैं। उन्होंने संदेश दिया कि लड़कियों को अपने अंदर हीनभावना नहीं लानी चाहिए, बस लक्ष्य पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। वे हॉकी में अपना भविष्य बनाना चाहती हैं।
इन तीनों बेटियों की इच्छा है कि उनके साथ गांव की अन्य बेटियां भी पढ़ाई करें और इच्छित क्षेत्र में नाम कमाएं। वे कहती है कि जब उनके गांव की अन्य लड़कियां नहीं पढ़ती हैं तो वे उन्हें जाकर समझाती हैं। उन्हें माता-पिता के साथ ही ताऊजी अमर सिंह जो शिक्षक हैं, उन्हें हमेशा आगे बढऩे के लिए प्रेरित करते हैं।