scriptजबलपुर नगर निगम में वित्तीय अनियमितता का खुलासा | Disclosure of financial irregularities in Jabalpur Municipal Corporation | Patrika News

जबलपुर नगर निगम में वित्तीय अनियमितता का खुलासा

locationजबलपुरPublished: Jul 27, 2021 11:05:22 am

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

-स्थानीय निकाय पंचायतीराज एवं लेखा समिति की बैठक में हुआ खुलासा

स्थानीय निकाय पंचायतीराज एवं लेखा समिति की बैठक

स्थानीय निकाय पंचायतीराज एवं लेखा समिति की बैठक

जबलपुर. नगर निगम में वित्तीय अनियमितता का मामला उजागर हुआ है। इसका खुलासा स्थानीय निकाय पंचायतीराज एवं लेखा समिति ने किया है। समिति ने शहर के विकास कार्यों में लापरवाही भी पकड़ी है। अब समिति अपनी रिपोर्ट राज्य व केंद्र सरकार को सौंपेगी।
दरअसल सोमवार को हुई स्थानीय निकाय पंचायतीराज एवं लेखा समिति की बैठक में पता चला कि नगर निगम को शासन स्तर से मिलने वाली धनराशि को संबंधित मद में न खर्च कर उसे दूसरे मद में खर्च किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार नगर निगम को शासन से गरीबो को आश्रय प्रदान करने और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए जो धनराशि प्रदान की जा रही है, निगम उसका उपयोग इससे इतर कार्यो में कर रहा है। यह सीधे तौर पर वित्तीय अनिमयमितता का मामला बनता है। समिति ने इसे गंभीरता से लिया है। इस बैठक में समिति के सदस्यों ने नगर निगम और स्मार्ट सिटी द्वारा कराए जा रहे विकास व निर्माण कार्यों की जानकारी हासिल की साथ ही कुछ महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए। समिति अपनी रिपोर्ट राज्य व केंद्र सरकार को सौंपेगी।
बैठक में पता चला कि केंद्र की अमृत योजना के तहत करोड़ों रुपये खर्च कर पानी की नई टंकियां तो बनवा दी गईं, लेकिन कनेक्शन अब तक नहीं दिए गए हैं। लोगों को वाटर कनेक्शन देने के बजाय निगम का ध्यान अभी और टंकियां बनाने की ओर है। यही नहीं शहर में 15 वर्षों से चल रहा सीवर लाइन बिछाने का काम भी अब तक पूरा नहीं हो सका है। बावजूद इसके और पांच चरणों में और सीवर का काम करने की योजना बनाई जा रही है। इसमें जिन अधिकारी, कर्मचारियों ने एडवांस राशि ली उनका समायोजन भी आज तक नहीं किया गया।
समिति ने जब इन मुद्दों पर विस्तार से जानकारी मांगी तो अधिकारी बगली झांकते मिले। उनके पास समिति के सदस्यों के सवालों का कोई सटीक जवाब नहीं था। दरअसल शमिति में शहर के दो विधायक अजय विश्नोई और विनय सक्सेना भी हैं, जो शहर में चल रहे विकास कार्यों से अच्छी तरह वाकिफ हैं। लिहाजा इन्हें गोलमोल जवाब देकर संतुष्ट नहीं किया जा सकता था। हालांकि नगर निगम व स्मार्ट सिटी से जुड़े अधिकारियों ने पावर प्रेजेंटेशन के माध्यम से विकास कार्यों में खर्च राशि, भावी प्रोजेक्ट और उनकी लागत से संबंधित जानकारी मुहैया कराने की पूरी कोशिश की।
इस मौके पर समिति के सभापति अजय विश्नोई और विनय सक्सेना ने शहर के नियोजित विकास के संबंध में सुझाव भी दिए। खास तौर पर सीवर लाइन बिछाने के दौरान आमजन को हो रही दिक्कतों के बारे में ध्यान आकृष्ट कराया।
समिति के वरिष्ठ सदस्यों के सुझाव

1-सीवर लाइन के कारण होने वाली परेशानी और जलप्लावन की समस्या का समाधान करने के बाद ही नए प्रोजेक्ट पर काम हो

2- जो टंकियां अमृत योजना से बनकर कर तैयार है उनका कनेक्शन देने के लिए शिविर लगाए जाएं और शहर से जुड़े गांवों तक पानी पहुंचाया जाय
3- सफाई कार्यों में बरती जा रही लापरवाही के बाबत कहा कि, काम का ऑडिट जनता के माध्यम से कराया जाय। साथ ही ऐसी व्यवस्था हो कि जनता सफाई कार्यों की निगरानी कर सटीक जानकारी भेज सके
4- राइट टाउन में टेलीग्राम को महज एक रुपये फीट के हिसाब से दी गई 76 एकड़ जमीन वापस ली जाय

इसके पहले समिति सदस्यों ने जिला पंचायत, जनपदों के कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान पीएम आवास योजना, नल-जल अभियान, आंगनबाड़ी सहित स्कूल व सामुदायिक भवन निर्माण में खर्च राशि का आकलन किया गया। राशि मिलने के बावजूद स्कूल भवन न बनाए जाने पर आपत्ति जताईं। बैठक में यह भी सामने आया कि 15वें वित्त आयोग के तहत ई-स्वराज पोर्टल के माध्यम से भुगतान व अन्य कार्य समय पर पूरे नहीं हो पा रहे हैं।
बैठक में आयुक्त नगर निगम संदीप जीआर, स्मार्ट सिटी की सीईओ निधि सिंह राजपूत, अपर आयुक्त एवं संयुक्त संचालक टीएस कुमरे, महेश कोरी, परमेश जलोटे, स्थानीय नगरीय प्रशासन विभाग के अधीक्षण यंत्री प्रदीप मिश्रा, सहायक यंत्री विजय सिंह बघेल, राजस्व उपायुक्त पीएन सनखेरे, जिला पंचायत सीईओ ऋजु बाफना, अतिरिक्त सीईओ मनोज सिंह आदि मौजूद रहे।
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