MP के इस गांव में दलितों के बाल नहीं काटते केश-कर्तक, होटल में चाय-नाश्ते के अलग है बर्तन, इस वीडियो से सामने आया सच
जबलपुरPublished: Oct 04, 2017 08:07:04 pm
नरसिंहपुर जिले के ग्राम डोभी में आज भी जारी है कुप्रथा
discrimination-this village of MP Dalits do not cut hair
नरसिंहपुर। अस्पृश्यता के खिलाफ अलख जगाने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का छुआछूत खत्म करने का सपना 21वीं सदी में भी अधूरा है। एमपी का एक गांव आज भी ऐसा है जहां दलितों को बराबर से हेयर कटिंग सलून में बैठने की मनाही है। गांव में जारी कुप्रथा के तहत वहां के केश-कर्तक दलितों के बाल नहीं काटते है। इतना ही नहीं गांव में चाय-नाश्तें की दुकानों पर भी अनुसूचित जाति के लोगों को खाद्य पदार्थ परोसने के लिए अलग से बर्तन रखें जाते है।
बहाना बनाकर टाल देते है
प्रदेश के इस गांव में
अनुसूचित जाति के सैकड़ोंलोग बाल कटवाने की समस्या से जूझ रहे हैं। समाज के वयस्क और बुजुर्ग तो पास के गांव में बाल कटवाने चले जाते हैं लेकिन स्थानीय केश-कर्तक उनके बाल नहीं काटते से मासूमों को बाल बढ़ाना मजबूरी बन गई है। इनके परिजन यदि बच्चों को लेकर बाल कटवाने पहुंचते हैं तो व्यस्तता और कोई अन्य बहाना बनाकर केश-कर्तक इन्हें समय नहीं देते है। कई बार तो दुकान बंद करके चले जाते हैं।
पत्तल-दोना में देते है खाना
अनुसूचित जाति के लोग जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत डोभी में कुप्रथा का यह दंश वर्षों से झेल रहे है। मानवता को झकझोर देने वाली इस कुप्रथा का दंश दलितों पर यहीं समाप्त नहीं होता है। बल्कि होटल और चाय-पान की दुकानों में भी प्लेटों की बजाय पत्तल-दोना में खाद्य सामग्री दी जाती है।
5 हजार की आबादी में 900 अजा के लोग
जिले के तेंदूखेड़ा थाना व चांवरपाठा विकास खंड के अंतर्गत स्थित ग्राम पंचायत डोभी की आबादी करीब 5000 है। गांव में करीब 900 की आबादी अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों की है। पंचायत की बसाहट के बाद से यह समस्या अब तक जारी है।
पुलिस साथ गई फिर भी नहीं की कटिंग
यहां करीब 10 हेयर सैलून और लगभग 20 दुकानें चाय-नाश्ता की हैं। गांव के निवासी लखनलाल वंशकार, संतराम चौधरी, राजकुमार, राजाराम, राम प्रसाद और शिव कुमार ने बताया कि जिम्मेदार लोगों को भी जानकारी होने के बावजूद समस्या जस की तस बनी हुई है। संतराम चौधरी ने बताया कि एक बार बाल कटवाने के लिए पुलिस के साथ गए तो केश- कर्तक दुकान छोड़कर चला गया और नहीं लौटा।
तो सवर्ण उस दुकान पर नहीं जाते
डोभी गांव के सरपंच जितेंद्र पटेल के अनुसार गांव के केश-कर्तक दलितों के बाल काटने से मना करते हैं। उनके अनुसार दलित के बाल काटने के बाद सवर्ण उस दुकान पर बाल नहीं कटवाते। चाय-नाश्ता की दुकानों में दोना में सामग्री दी जाती है।
स्थायी समाधान करेंगे
पुलिस अधीक्षक डॉ. मोनिका शुक्ला के अनुसार डोभी गांव में दलितों के साथ भेदभाव की समस्या का तत्काल समाधान किया जाएगा। इस दिशा में उचित कार्रवाई की जाएगी।