महंगी और सस्ती होने से भी फर्क
मौसम में ठंडक घुलने के साथ ही करीब दो महीने से डेंगू, चिकुनगुनिया और वायरल बुखार की दवा की बिक्री लगभग बंद हो गई है। जानकारों के अनुसार बुखार की ये दवाएं अपेक्षाकृत महंगी होती है। इस बार शहर में फैले वायरस में शरीर दर्द और कमजोरी भी मरीजों को हुई। व्यापक पैमाने पर फैली इस बीमारी के कारण सितंबर-नवंबर, 2018 के बीच शहर में दवा की बिक्री करीब एक करोड़ रुपए प्रतिदिन तक पहुंच गई थी। इसके बाद फ्लू का वायरस कमजोर पड़ गया। ठंड के कारण कॉमन- कोल्ड और बीपी की दवा की बिक्री बढ़ी है। लेकिन यह अपेक्षाकृत सस्ती होती है। कीमतों में अंतर और संक्रमण का असर बेहद कम होने से दवाओं की बिक्री घटकर आधी से भी कम हो गई है। कुल कारोबार सामान्य मौसम के मुकाबले 30 प्रतिशत रह गया है।
अभी बिक रही इनकी दवा
सर्दी-जुकाम या कॉमन कोल्ड
विंटर डायरिया, ठ्ठ हाइपोथर्मिया
टॉन्सिलाइटिस
अस्थमा
फेसियल पेरालिसिस
ड्रॉय स्किन, ब्लड प्रेशर
आर्थराइटिस
डायबिटीज ठंड में दिल के मरीजों को विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। मरीजों और बुजुर्गों को ठंड के दिन में ब्लड प्रेशर की समस्या बढऩे की आशंका रहती है। बीपी नॉर्मल रखने के लिए डोज बढ़ाने की जरूरत होती है।
डॉ. आरएस शर्मा, हृदय रोग विशेषज्ञ
ठंड में बैक्टीरिया ग्रोथ नहीं करता है। फ्लू के मरीज नहीं है। अभी तो ओपीडी में आने वाले अधिकांश मरीज सर्दी-खांसी, गले में इन्फे क्शन, एलर्जी, जोड़ों में दर्द और सांस लेने में समस्या से पीडि़त होते है। इसमें कोई भी परेशानी होने पर चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।
डॉ. पंकज बुधौलिया, विक्टोरिया अस्पताल
डॉ. पंकज बुधौलिया, विक्टोरिया अस्पताल
वायरल बुखार की दवा महंगी होती है। अभी के मौसम में कॉमन-कोल्ड की दवा की बिक्री अधिक होती है। इन दवा की कीमत अपेक्षाकृत कम होती है। इस कारण दवा की कुल बिक्री का मूल्य करीब 30 प्रतिशत कम हो जाता है।
चंद्रेश जैन, सचिव, केमिस्ट एंड ड्रग एसोसिएशन
चंद्रेश जैन, सचिव, केमिस्ट एंड ड्रग एसोसिएशन
य्ह है स्थिति
20-25
लाख रुपए की दवा की रोजाना बिक्री
65-75
लाख रुपए सामान्यत: होती थी
01
करोड़ रुपए के लगभग दो माह पहले
(नोट: शहर में प्रतिदिन थोक एवं फुटकर दुकानों में अनुमानित कुल बिक्री)