इंटरव्यू में हुई छंटनी
डीएनएलयू में एलएलएम कोर्स की निर्धारित 30 सीटों में प्रवेश के लिए करीब 150 छात्रों ने आवेदन किए थे। छात्रों का विवि की प्रवेश समिति ने साक्षात्कार लिया। बताया जा रहा है कि इसी इंटरव्यू में कमेटी सदस्यों की सख्ती के चलते अधिकतर उम्मीदवार छात्रों की छंटनी हो गई। एलएलएम के लिए 27 जुलाई को अंतिम चयन सूची केवल पंद्रह छात्रों की जारी की गई। इनमें से भी महज दस छात्रों ने ही अब तक प्रवेश लिया। बीस सीटें अब भी खाली हैं।
अटेंडेंस पर ध्यान
डीएनएलयू में प्रवेश कमेटी के हेड डॉ. जिजिमॉन का कहना है कि विवि में एलएलएम कोर्स दो साल का और पूरी तरह आवासीय है। कोर्स का महत्व बनाए रखने के लिए प्रवेश के मापदंडों का पूरा ध्यान रखा जाता है। इसके लिए छात्रों की अटेंडेंस पर फोकस किया जाता है। पढ़ाई के साथ छात्रों को वकालत करने की इजाजत नहीं है। प्रवेश उन्हीं को दिए जाते हैं, जिन्हें नियमित रूप से अध्ययन करना हो।
दो साल का है एलएलएम
अन्य नेशनल लॉ स्कूल या यूनिवर्सिटीज में एलएलएम का कोर्स एक साल का ही है। जबकि, डीएनएलयू में यह कोर्स दो साल की अवधि का है। यह भी छात्रों की कमी का एक बड़ा कारण माना जा रहा है।
आरडीवीवी के रिजल्ट में देरी से पड़ा प्रभाव
आरडीवीवी के एलएलबी कोर्स के परिणाम आने में भी देरी हुई। इसके चलते आरडीवीवी से एलएलबी पास करने वाले छात्र डीएनएलयू में एलएलएम कोर्स के लिए आवेदन नहीं कर सके। इसे भी एलएलएम कोर्स में छात्रों की कमी की वजह बताया जा रहा है।
डीएनएलयू में कुल सीटें
– एलएलबी 120
– एलएलबी में हुए प्रवेश 120
– जनरल वर्ग 76
– मप्र कोटे की एससी सीटें 10
– मप्र कोटे की एसटी सीटें 12
– मप्र कोटे की ओबीसी सीटें 08
– ऑल इंडिया कोटे की एससी सीटें 09
– ऑल इंडिया कोटे की एसटी सीटें 05
– एलएलएम 30
– एलएलएम में हुए प्रवेश 10
– खाली सीटें 20
डीएनएलयू का अपना स्टैंडर्ड है। इसलिए हम प्रवेश के समय खासी सख्ती बरतते हैं। छात्रों को विवि के नियमों का पालन करना होता है। यही वजह हो सकती है कि एलएलएम कोर्स में सीट्स खाली हैं।
आनंद तिवारी, रजिस्ट्रार, डीएनएलयू जबलपुर