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सरकारी मेडिकल कॉलेजों में नई व्यवस्था की तैयारी, प्राइवेट प्रेक्टिस नहीं कर सकेंगे मेडिकल के डीन और अधीक्षक

locationजबलपुरPublished: Oct 14, 2018 10:57:54 am

Submitted by:

amaresh singh

नियुक्ति के नियम में बदलाव करने जा रहा है

Doctor and Superintendent of Medical Practic

Doctor and Superintendent of Medical Practic

जबलपुर। मेडिकल कॉलेजों की व्यवस्थाओं में कसावट लाने के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग इन संस्थान की कमान सम्भालने वाले लोगों की नियुक्ति के नियम में बदलाव करने जा रहा है। नॉन प्रैक्टिशनर प्रोफेसर ही कॉलेज के डीन और अस्पताल के अधीक्षक बनाए जाएंगे। साक्षात्कार और मेरिट के आधार पर प्रोफेसर्स की डीन और अधीक्षक के बतौर स्थायी नियुक्तियां होगी। मेडिकल कॉलेज के दोनों प्रमुख पदों को लेकर पात्रता सम्बंधी नियमों का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। अब इसे अमलीजामा पहनाने की तैयारी की जा रही है।

चिकित्सकों की जानकारी जुटाई जा रही है

मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स को मोटा वेतन भुगतान के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग उनकी प्राइवेट प्रैक्टिस को लेकर सख्त हो गया है। सूत्रों के अनुसार चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से कॉलेजों के समस्त चिकित्सकों के बारे में जानकारी तलब की गई है। इसके अलावा विभाग द्वारा गुपचुप तरीके से मेडिकल कॉलेज के बाहर दूसरे अस्पतालों में इलाज और ऑपरेशन के लिए जाने वाले चिकित्सकों की जानकारी जुटाई जा रही है। जानकारी जुटाए जाने के बाद इसे अमलीजामा पहनाया जाएगा। चिकित्सा शिक्षा विभाग को यह जानकारी मिल रही है कि मोटा वेतन दिए जाने के बाद भी मेडिकल के डीन और अधीक्षक प्राइवेट प्रेक्टिस कर रहे हैं।

चुनाव के बाद कार्रवाई
चकित्सा शिक्षा विभाग के सूत्रों के अनुसार डीन और सुपरिन्टेंडेंट के प्राइवेट प्रेक्टिस करने पर वे कॉलेज को पर्याप्त समय नहीं दे पाते हैं। इस कारण कॉलेजों और अस्पतालों की व्यवस्थाएं प्रभावित होती हैं। इसके चलते दोनों पदों पर स्थायी और प्राइवेट प्रैक्टिस नहीं करने वाले प्रोफेसर नियुक्त करने की कवायद की जा रही है। प्रेक्टिस नहीं होने के कारण होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए दोनों पदों पर अलग से मोटा भत्ता प्रदान किए जाने का भी प्रस्ताव है। सूत्रों की मानें तो विधानसभा चुनाव के बाद नए नियमों को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया जाएगा।

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