shocking- इस नामी ऑर्थोपेडिक सर्जन के पास पशुओं के इलाज के लिए आते है फोन, जानिए क्या है राज
जबलपुरPublished: Nov 06, 2017 08:22:28 pm
वेबसाइट कंपनी जस्ट डायल की लिस्ट में वेटरनरी डॉक्टर की टॉप सर्च में शामिल है इंसानों का यह चिकित्सक
doctor renowned orthopedic surgeon has come to treat animals for phone
जबलपुर। शहर में इसांनों के एक डॉक्टर के पास इन दिनों पशुओं के उपचार के लिए परामर्श मांगने वालों की कतार है। वैसे तो ये चिकित्सक नामचीन ऑर्थोपेडिक सर्जन है। लेकिन इनकी प्रोफाइल को देखकर पशुओं के उपचार के लिए बेहतर समझा जा रहा है। बात हो रही है अस्थि रोग विशेषज्ञ अभिजीत मुखर्जी की। जिनके फोन की घंटी आजकल दिन भर पशुओं की बीमारियों को लेकर घनघना रही है। कई लोग अपने पालतू पशुओं की बीमारियों को लेकर इस अस्थि रोग विशेषज्ञ से सलाह-मशविरा कर रहे है।
दो साल पहले बदली प्रोफाइल
शहर के जाने-माने अस्थि रोग विशेषज्ञों में डॉ. अभिजीत मुखर्जी की गिनती होती है। राइट टाउन क्षेत्र में मुखर्जी का काफी पुराना निजी अस्पताल भी है। लेकिन एक वेबसाइट ने उनका नाम शहर के नामी वेटरनरी(पशु) और होम्योपैथिक चिकित्सक की सूची में शामिल कर लिया है। ये सूची करीब दो साल पहले वेबसाइट ने इंटरनेट पर अपलोड की है। इस सूची के इंटरनेट पर होने के बाद उनकी प्रोफाइल को पढ़कर लोग पशुओं के उपचार के लिए उनसे संपर्क कर रहे है।
टॉप में आने के फेर में गड़बड़
इंटरनेट की दुनिया में कई ऐसी वेबसाइट कंपनियां है जो मोटी फीस लेकर प्रोफेशनल के नाम अपने पोर्टल पर सर्च इंजन में पहले नंबर पर दिखाते है। आमतौर पर लोग किसी भी शहर में अच्छे डॉक्टर, वकील का पता लगाने के लिए इन सर्च इंजन का उपयोग करते है। एक ऐसी ही वेबसाइट कंपनी जस्ट डायल के एक प्रतिनिधि ने करीब तीन साल पहले डॉक्टर मुखर्जी से संपर्क किया। प्रतिनिधि ने बताया कि यदि वे कंपनी के पेड मेंबर बनते है तो दुनिया भर में कहीं से भी इंटरनेट पर जबलपुर में ऑर्थोपेडिक डॉक्टर सर्च करने पर उनका नाम ही सबसे ऊपर आएगा। ये सुनकर डॉ. मुखर्जी ने फीस जमा कर दी। लेकिन वेबसाइट पर जब डॉ. मुखर्जी का प्रोफाइल अपलोड किया गया तो ऑर्थोपेडिक की जगह उन्हें वेटरनरी और होम्योपैथी डॉक्टर बना दिया।
फोन उठाने से डरने लगा डॉक्टर
वेबसाइट कंपनी की प्रोफाइल अपलोड करने में हुई चूक का खामियाजा अब ऑर्थोपेडिक सर्जन को हर दिन भुगतना पड़ रहा है। इंटरनेट पर उनका नंबर देखकर कई लोग पशुओं के उपचार के लिए उनसे संपर्क करते है। दो वर्ष का लंबा समय निकल जाने और आपत्ति के बावजूद डॉक्टर की प्रोफाइल में सुधार नहीं हुआ है। इसके चलते वे लोगों को पशुओं का चिकित्सक नहीं होने की जानकारी देते-देते परेशान है। हालात ऐसे हो गए कि अब डॉक्टर को अपना फोन रिसीव करने में डर लगने लगा है कि कहीं कोई उनसे किसी पालतू जानवर की बीमारी पर परामर्श न मांगने लगे।