अस्पताल में आने वाले मरीजों की जांच के दौरान डॉक्टरों के पास पीपीई किट नहीं होने से हमेशा खुद के स्वास्थ्य को लेकर खतरा बना रहता है। ओपीडी और जनरल वार्ड में मरीजों की जांच के दौरान उन्हें स्वयं के खरीदे मास्क और हैंड ग्लब्स का ही सहारा रहता है। कुछ ऐसा स्थिति नर्स और दूसरे स्टाफ की है। उनके पास भी सिर मास्क के अलावा दूसरे कोई संसाधन उपलब्ध नहीं हैं। चिकित्सकों की सुरक्षा पर स्वास्थ्य विभाग कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
डिलीवरी किट से चला रहे काम
अस्पताल में चिकित्सकों को मरीजों की जांच के दौरान डिलीवरी वाली किट से काम चलाना पड़ रहा है। यह वह किट होती है जो डिलीवरी के दौरान उपयोग की जाती है। कोरोना वायरस की जांच के लिए डिलीवरी किट कितनी कारगर होती है, यह तो विशेषज्ञ ही बता सकते हैं।
दो डॉक्टर आए, लेकिन ज्वाइन नहीं किया
सिहोरा सिविल अस्पताल में दो महिला चिकित्सक एक दंत चिकित्सक और अस्पताल प्रभारी को मिलाकर कुल चार चिकित्सक अलग-अलग समय में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने डेढ़ सप्ताह पहले दो चिकित्सकों की पदस्थापना अस्पताल में की थी, लेकिन उन्होंने अभी तक ज्वाइन नहीं किया है।
विभाग ने अभी डिलीवरी वाली किट चिकित्सकों को दी है। जबलपुर से 10 और किट जल्द ही आने वाली हैं।
डॉ. आरपी त्रिपाठी, प्रभारी, सिविल अस्पताल, सिहोरा