स्थानीय चिकित्सकों की मानें तो जबलपुर में अब तक 50 से ज्यादा ऐसे नवजात शिशु सामने आए हैं, जिनमें मल्टी-सिस्टम इन्फ्लैमेटरी सिंड्रोम बीमारी पाई गई है। बाल रोग विशेषज्ञों की मानें तो इस बीमारी में नवजात शिशु के कई अंग प्रभावित होते हैं। उनका कहना है कि नवजात शिशुओं में मल्टी सिस्टम इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम के कारण किडनी, हर्ट, लीवर और ब्रेन पर असर पड़ रहा है।
ये भी पढ़ें- रिजेक्टेड एके-47 राइफल्स चोरी मामले में NIA का बड़ा खुलासा वे बताते हैं कि गर्भावस्था के आखिरी महीनों में कोरोना संक्रमित होने के बाद उनके शरीर में जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी, वो बच्चे में जरूरत से ज्यादा हस्तांतरित होने से नवजात बच्चे के अंदरूनी अंग प्रभावित हुए हैं। ऐसे बच्चों को ज्यादा देखरेख की जरूरत है। ऐसे मामले देशभर के अस्पतालों के सामने आए हैं, लिहाजा कई शिशु रोग विशेषज्ञ लगातार इस पर अध्ययन कर रहे हैं।
बाल रोग चिकित्सकों के अनुसार नवजात शिशुओं को मल्टी सिस्टम इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम बीमारी से बचाने के लिए गर्भावस्था के दौरान ही शिशु रोग विशेषज्ञ की भी सलाह लेनी चाहिए, ताकि बच्चे की देखरेख गर्भावस्था के दौरान ही सही तरीके से हो सके। उनका कहना है कि अभी भी जो लापरवाही बरती जा रही है उस पर लगाम लगाना बहुत जरूरी है अन्यथा वर्तमान के साथ-साथ भविष्य भी खतरे में पड़ जाएगा।