-1 नं जोन के 2 वार्ड
-5 नं जोन के 3 वार्ड
-6 नं जोन के 9 वार्ड
-9 नं जोन के 4 वार्ड
-10 नं जोन के 10 वार्ड
-11 नं जोन के 6 वार्ड
-14 नं जोन के 2 वार्ड
-15 नं जोन के 7 वार्ड
संसाधनों की मौजूदा स्थिति
-216 वाहन ठेकेदार के
-158 वाहन निगम के डोर डू डोर कचरा कलेक्शन में
-200 के लगभग कुल वाहन सफाई व्यवस्था में निगम के पास
निगरानी की ये व्यवस्था लागू
-01 सुपरवाइजर है हर वार्ड में
-1-1 सीएसआई हर जोन में तैनात
बजट में कमी नहीं
-86 करोड़ था पिछले साल निगम के स्वास्थ्य विभाग का बजट
-94 करोड़ मौजूदा वर्ष में निगम के स्वास्य विभाग का बजट
जबलपुर। घरों के आंगन, गली, मोहल्लों और सड़कों पर कचरे का ढेर लग रहा है। प्रमुख सरकारी कार्यालयों व सार्वजनिक स्थलों के आसपास भी कचरा नहीं उठ रहा है। सप्ताह में एक -दो बार ही घरों से कचरा संग्रहण होता है। डोर टू डोर कचरा कलेक्शन व्यवस्था पूरी तरह ठप हो चुकी है। स्वच्छता के पैमाने यानी रैंकिं ग में तीन साल से लगातार औंधे मुंह गिरने के बावजूद नगर निगम प्रशासन नहीं चेत रहा है। एक साल के दौरान कई बार शहर की सफाई व्यवस्था ठप हो चुकी है। होली पर्व के दौरान डोर टू डोर कचरा कलेक्शन व्यवस्था फिर ठप हो गई। इसके बावजूद निगम के जिम्मेदार सफाई ठेकेदार के खिलाफ एक्शन लेने की जहमत नहीं उठा रहे हैं। ठेका निरस्त करने से जैसी बड़ी कार्रवाई तो दूर की बात आज तक ठेकेदार के विरुद्ध छुटपुट कार्रवाई भी नहीं की गई।
दोहरी व्यवस्था फिर भी ये हाल
सफाई व्यवस्था पर निगम प्रशासन हर महीने करोड़ों रुपए खर्च कर रहा है। शहर में सफाई के लिए दोहरी व्यवस्था लागू है। 41 वार्डों में निगम के कर्मचारी सफाई की बागडोर संभालते हैं। जबकि 38 वार्डों में ये जिम्मा सफाई ठेकेदार पर है। लेकिन सफाईकर्मियों से लेकर ठेकेदार दोनों स्तर पर लागू सफाई व्यवस्था का एक जैसा हाल है।
शहर में सफाई व्यवस्था पहले से बेहतर हुई है पर अभी भी बड़े सुधार की आवश्यकता है। इस दिशा में टीम काम कर रही है। संभव है कि त्योहार के कारण कुछ स्थानों से कचरा न उठा हो, भविष्य में ऐसे अवसरों पर भी सफाई का कार्य प्रभावित न हो इसके लिए हर संभव प्रयास करेंगे। अगर ठेकेदार के स्तर पर ये कार्य प्रभावित होगा तो उसके विरुद्ध भी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
जीएस चंदेल, स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम