सर्जरी ओपीडी में स्ट्रेचर पर खून से लथपथ कंधीलाल सिसक रहा था। कैजुलटी में डॉक्टर नहीं पहुंचे तो उसे आर्थो ओपीडी ले जाया गया। वहां से कलर डॉप्लर फिर सर्जरी ओपीडी भेजा गया। शाम 4 बजे कैजुअल्टी ओटी में डे्रसिंग हुई।
दहशत के मंजर याद कर सिहर जाता हूं
‘होटल में चाय की गिलास पकड़ा ही था कि सामने से मौत बनकर ट्रक आ गया। मौके पर चीख-पुकार मच गई। भगवान का शुक्र है कि मैं बच गया। मेडिकल अस्पताल में भर्ती जमुनिया निवासी कंधीलाल (50) की जुबां यह बताते हुए लडख़ड़ा गई। दहशत के मंजर याद कर वह सिहर उठा।
उधर, विक्टोरिया वार्ड से ले गए मरीज
बरेला हादसे में घायल शहर के सूपाताल निवासी सुबरन झारिया को एम्बुलेंस चालक ने विक्टोरिया अस्पताल में भर्ती कराया था, लेकिन अस्पताल की अव्यवस्था देख परिजन उसे निजी अस्पताल ले गए।
शहर में कई जगह हैं बरेला जैसे खतरे वाले टर्निंग प्वाइंट्स
जबलपुर. शहर में बरेला जैसे कई खतरनाक टर्निंग प्वाइंट्स और सडक़ें हैं, जहां कभी भी हादसा हो सकता है। प्रशासन ने ऐसे स्थानों को न तो कभी चिह्नित किया न ही हादसों से कोई सबक लिया।
शहर में सबसे खतरनाक सडक़ माढ़ोताल से पाटन व कटंगी रोड की है। पाटन रोड चौड़ी होने के बाद बड़ी संख्या में दुकानें व मकान सडक़ से सट गए हैं। कटंगी से माढ़ोताल मोड़ पर भी दुकान व मकान सडक़ से सटे हुए हैं। यहां मोड़ पर आए दिन सडक़ हादसे होते हैं।
अंधमूक बाईपास
चौराहे पर नेत्रहीन बच्चों का विद्यालय है। राष्ट्रीय राजमार्ग सात के निर्माण के चलते विद्यालय परिसर लिंक रोड की सीध में आ गया है। कुछ महीने पहले बेकाबू ट्रक परिसर में क्षतिग्रस्त हो गया था।
सूपाताल मोड़
मेडिकल कॉलेज रोड पर सूपाताल तालाब के पास मोड़ पर भी सडक़ से सटकर कई मकान और दुकानें हैं। अंधे मोड़ के चलते यहां भी कभी भी हादसा हो सकता है।