जलसंकट से निपटने की कवायद
बरेलावासियों को मिलेगा स्वच्छ पेयजल
नर्मदा पर छठा प्लांट
जिले में पेयजल की पूर्ति के लिए अब तक नर्मदा नदी पर पांच प्लांट स्थापित हो चुके हैं। इनमें ललपुर में नगर निगम के 2 प्लांट, रेलवे का एक प्लांट, रमनगरा में नगर निगम का एक प्लांट और लम्हेटाघाट में स्थापित एक प्लांट शामिल है। सिलुआ में बनने वाला प्लांट जिले में छठा प्लांट होगा।
पुराने प्लांट का होगा रिनोवेशन
बरेला में 1.3 एमएलडी का एक प्लांट पहले से स्थापित है। पुरानी तकनीक पर आधारित इस प्लांट में नहर से पानी लिया जाता है। प्लांट में डब्ल्यूएचओ के मापदंडों के अनुसार रॉ वाटर का ट्रीटमेंट नहीं हो पा रहा है। योजना के तहत इस प्लांट का भी रिनोवेशन किया जाएगा। यहां एक एमएलडी का नया प्लांट बनने के बाद 2.3 एमएलडी पानी का ट्रीटमेंट हो सकेगा।
25 साल तक की जरूरत होगी पूरी
निर्माण एजेंसी पीआईयू के अधिकारियों ने बताया की नर्मदा के सिलुआघाट में ऐसे स्थान को इंटेकवेल स्थापित करने के लिए चुना गया है, जहां गहराई ज्यादा है और सालभर पानी रहता है। इस प्लांट से अगले 25 साल तक की पानी की जरूरत पूरी होगी।
बरेला क्षेत्र के लोग पीने के पानी के लिए भूगर्भीय जल पर निर्भर हैं। इसमें फ्लोराइड की अधिकता से लोगों को स्वास्थ्य सम्बंधी समस्या होती है। इसे देखते हुए स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए नर्मदा के सिलुआ घाट में एक एमएलडी का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया जाना है। प्लांट से अगले 25 साल तक क्षेत्र के लोगों को पर्याप्त पानी उपलब्ध हो सकेगा।
– अनिल नंदा, प्रोजेक्ट मैनेजर, पीआईयू