विभाग ने तैयार किया ऐप
बच्चों को तलाशने के लिए शिक्षा विभाग ने ऐप तैयार किया है। यदि कोई बच्चा किसी क्षेत्र में मिलता है तो उसके घर जाकर जीपीएस के माध्यम से फोटो ली जाएगी। मौके पर सभी प्रक्रिया पूरी की जाएगी, जिससे बच्चों के मिलने की वास्तविक जगह को ट्रेस किया जा सकेगा।
बच्चों को तलाशने के लिए शिक्षा विभाग ने ऐप तैयार किया है। यदि कोई बच्चा किसी क्षेत्र में मिलता है तो उसके घर जाकर जीपीएस के माध्यम से फोटो ली जाएगी। मौके पर सभी प्रक्रिया पूरी की जाएगी, जिससे बच्चों के मिलने की वास्तविक जगह को ट्रेस किया जा सकेगा।
हर शिक्षक को 15 बच्चे की जिम्मेदारी
नवप्रवेश प्रबंधन प्रणाली के माध्यम से राज्य शिक्षा केंद्र की ओर से ग्राम, वार्डवार सूची जारी की जाएगी। सूची के आधार पर मिलान किया जाएगा। प्रधानाध्यापक शिक्षक को लक्षित बच्चों की सूची देंगे। कार्य आवंटित किया जाएगा। एक मेंटर शिक्षक को 10-15 बच्चों को तलाशने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, जो मौके पर जाकर भौतिक सत्यापन करेंगे।
नवप्रवेश प्रबंधन प्रणाली के माध्यम से राज्य शिक्षा केंद्र की ओर से ग्राम, वार्डवार सूची जारी की जाएगी। सूची के आधार पर मिलान किया जाएगा। प्रधानाध्यापक शिक्षक को लक्षित बच्चों की सूची देंगे। कार्य आवंटित किया जाएगा। एक मेंटर शिक्षक को 10-15 बच्चों को तलाशने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, जो मौके पर जाकर भौतिक सत्यापन करेंगे।
स्कूलों से ड्रॉप आउट छात्रों की तलाश की जा रही है। शिक्षकों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। मोबाइल ऐप के माध्यम से बच्चों की लोकेशन को ट्रेस किय जाएगा।
डीके श्रीवास्त, सहायक परियोजना समन्वयक
डीके श्रीवास्त, सहायक परियोजना समन्वयक