छिपाकर रख रहे स्टॉक
दवा को नशे के लिए बेचने के अवैध कारोबार में शामिल दलाल दवा दुकानों से कम मात्रा में इंजेक्शन, सिरप और टैबलेट ले रहे हैं। इन्हें अलग-अलग जगहों पर छोटे-छोटे स्टॉक के रूप में रखा जाता है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव उइके अनुसार नशे की रोकथाम के लिए लगातार कार्रवाई कर रहे हैं। नशे के रूप में दवा के उपयोग के मामले सामने आए हैं। सभी थाना क्षेत्रों को जांच और कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
डॉक्टर के पर्चे के बिना बिक्री
ड्रग विभाग ने कुछ इंजेक्शन और सिरप का नशे के रूप में इस्तेमाल होने के कारण डॉक्टर के पर्चे के बिना बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया है। अधिक कमाई के फेर में कारोबारियों ने प्रतिबंध को दरकिनार कर दिया है। कारोबारी प्रिंट से ज्यादा कीमत पर ये दवाएं डॉक्टर के पर्चे के बिना दलालों को बेच रहे है। कुछ दवाइयां दस गुना अधिक कीमत पर बेची जा रही हैं।
इसलिए बढ़ा चलन
नशे में इस्तेमाल की जा रही दवाओं की कीमत नशे के दूसरे साधनों से अपेक्षाकृत कम है। सूत्रों के अनुसार सस्ता होने के साथ चोरी-छिपे आसानी से सुलभ हो रही हैं। इनके सेवन से मुंह से गंध भी नहीं आती। इसलिए बड़ी संख्या में युवा और कम उम्र में नशा करने वाले दवा का उपयोग कर रहे हैं।
ड्रग विभाग की ढिलाई
पुलिस जांच में नशे के लिए दवा की अवैध बिक्री के मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार ड्रग विभाग को गड़बड़ी नजर नहीं आ रही है। इससे पहले दवा बाजार के सामने से एक युवक के पास से बड़ी मात्रा में बिना डॉक्टर के पर्चे और बिल के नशे की दवा पकड़ी गई थी। इसके अलावा शहर के अलग-अलग जगहों से अवैध तरीके से नशीली दवा बेचते दबोचे गए युवकों ने दवा दुकानों का पता बताया। लेकिन ड्रग विभाग जांच में दवा के स्टॉक और बिक्री में खामियां पकड़ नहीं पा रहे है।
लगातार पकड़े गए मामले
– 02 कार्टून इंजेक्शन गोरखपुर पुलिस ने छोटी लाइन फाटक के पास झाडिय़ों से जब्त किए।
– 730 बॉटल कफ सिरप हनुमानताल में एक घर से बरामद हुई। दवा दुकान से कनेक्शन मिला।
– 43 रुपए का इंजेक्शन 100 रुपए में बेचने का मामला बेलबाग पुलिस की कार्रवाई में उजागर
– 24 इंजेक्शन गोरखपुर पुलिस ने एक मेडिकल स्टोर से जब्त किए, बिल नहीं मिला।
– 99 इंजेक्शन विजय नगर पुलिस ने पकड़े थे, सिरिंज और अन्य दवाइयां भी जब्त की
– 01 फरार आरोपी (मदन महल में नशे के लिए दवा बेचने का मामला) पर पुलिस ने इनाम रखा।
अवैध कारोबार के अड्डे
– स्कूल, कॉलेजों के पास
– पिछड़ी बस्ती
– उपनगरीय क्षेत्र
– सुनसान क्षेत्र
– कुद कैफे