यह है मामला
रीवा जिले के बैकुंठपुर निवासी रेखा गौतम ने याचिका दायर कर कहा था कि उसने मप्र पुलिस में आरक्षक पद के लिए प्रोफेशनल इक्जामनेशन बोर्ड की परीक्षा में भाग लिया। लिखित परीक्षा में चयनित होने पर उसे १२ दिसम्बर को शारीरिक योग्यता परीक्षण के लिए बुलाया गया। परीक्षण के दौरान उसे दौड़-कूद के लिए बुलाया गया, तब रात के नौ बज चुके थे। जिस स्थान पर परीक्षण हो रहा था, वहां पर्याप्त रोशनी नहीं थी। इसके चलते वह ऊंची कूद व लम्बी कूद में क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर सकी। इस अनियमितता के खिलाफ उसने एडीजीपी (चयन व नियुक्ति), पुलिस मुख्यालय भोपाल को अभ्यावेदन देकर आगे की चयन प्रक्रि या में शामिल करने का आग्रह किया। लेकिन, इस पर ध्यान नहीं दिया गया। कोर्ट ने याचिका का निराकरण करते हुए एडीजीपी को पंद्रह दिन के अंदर याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन पर विचार कर विधिसम्मत कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
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टैरिफ याचिका पेश करने के लिए अब १५ जनवरी तक मांगी मोहलत
जबलपुर. चुनावी साल में बिजली की कीमत तय करने वाली टैरिफ याचिका अधिकारियों के लिए मुश्किलों का सबब बन गई है। लगातार चौथी बार एेन वक्त पर टैरिफ याचिका पेश करने में पावर मैनेजमेंट के अधिकारी विफल रहे। अब १५ जनवरी तक राज्य विद्युत नियामक आयोग से मोहलत मांगी है। इससे पहले पावर मैनेजमेंट की तरफ से पहले ३० नवम्बर, फिर २० और ३० दिसम्बर की समय-सीमा मांगी गई थी। सूत्रों के मुताबिक वित्तीय वर्ष २०१७-१८ के लिए प्रस्तावित टैरिफ याचिका में तीन बार बदलाव हो चुका है। इसके बावजूद ऊर्जा विभाग में बदलाव के बाद पहुंचे नए अधिकारी के मानकों पर ये खरा नहीं उतरा। शुक्रवार को टैरिफ याचिका लेकर पावर मैनेजमेंट के अधिकारी भोपाल पहुंचे थे। प्रमुख ऊर्जा सचिव और चेयरमैन की मौजूदगी में टैरिफ याचिका की समीक्षा की गई। उसके बाद टैरिफ याचिका पेश करने का फैसला टल गया।