क्राइम ब्रांच एएसपी शिवेश सिंह बघेल के मुताबिक आरबीआई की गाइडलाइन के अनुसार हर बैंक में चेक की जांच के लिए मशीन लगाने के निर्देश हैं। इससे क्लोन किए गए चेक और उस पर हस्ताक्षर आसानी से पहचाना जा सकता है। लेकिन ज्यादातद बैंकों में मशीन का उपयोग नहीं किया जा रहा है।
अधारताल, रांझी के बाद लार्डगंज में 38 लाख रुपए निकाले
जालसाजी की नई खिडक़ी: अब चेक क्लोनिंग से खातों पर डाका
पेंशनर्स को बना रहे निशाना
जालसाज अवकाश के दिन पेंशनर के खाते से रकम निकालते हैं
अवकाश में कई बार बैंकों में क्लीयरेंस का काम होता है।
केस: 1
लार्डगंज थाना क्षेत्र निवासी महिला के बैंक खाते के चेक की क्लोनिंग कर जालसाजों ने 38 लाख रुपए निकाल लिए। यह रकम चार चेक से मुम्बई में निकाली गई है। चारों चेक महिला के पास ही हैं।
केस: 2
17 अप्रैल को जयप्रकाश नगर निवासी प्रभुदायाल पांडे (81) के यूको बैंक जेएनकेवीवी स्थित शाखा के बचत खाते से चेक के जरिए 95 हजार निकाले गए। जबकि चेक क्रमांक 029948 उनके पास ही है।
केस: 3
17 अप्रैल को ही जेएनकेवीवी से सेवानिवृत्त शांता वी. रवी के बचत खाते से 96 हजार रुपए चेक के जरिए निकाले गए। जबकि ओरिजनल चेक उनके पास
मौजूद हैं।
इन सवालों के जवाब खोज रही पुलिस
– पीडि़त के चेक सीरियल नम्बर जालसाजों तक कैसे पहुंचते हैं
– जालसाज उसी चेक सीरियल नम्बर का उपयोग करते हैं, जो ग्राहक को जारी किया गया है
– जालसाजों को कैसे पता चलता है कि अमुक सीरियल नम्बर के चेक का उपयोग नहीं हुआ है।
लार्डगंज थाना क्षेत्र निवासी एक महिला के खाते से चेक का क्लोन बनाकर 38 लाख रुपए निकाले गए हैं। जालसाज ने मुम्बई में बैठकर चार क्लोन चेक के माध्यम से रकम निकाली है। प्रकरण की जांच कर थाने को मामला दर्ज करने के लिए भेजा गया है।
– शिवेश सिंह बघेल, एएसपी क्राइम