ग्वारीघाट, तिलवाराघाट में की गई व्यवस्थाएं
नौ दिन देवी की आराधना में लीन रहने के बाद दशहरा पर्व पर बैंड बाजे के साथ देवी प्रतिमाओं का विसर्जन प्रारंभ हो गया। मां दुर्गा- काली की प्रतिमाएं स्थापित करने वाली समितियों ने भीगी आंखों से मां को विदाई दी। ग्वारीघाट भटौली कुंड और तिलवारा स्थित विसर्जन कुंड में प्रतिमाओं के विसर्जन का सिलसिला जारी रहा।
नौ दिन देवी की आराधना में लीन रहने के बाद दशहरा पर्व पर बैंड बाजे के साथ देवी प्रतिमाओं का विसर्जन प्रारंभ हो गया। मां दुर्गा- काली की प्रतिमाएं स्थापित करने वाली समितियों ने भीगी आंखों से मां को विदाई दी। ग्वारीघाट भटौली कुंड और तिलवारा स्थित विसर्जन कुंड में प्रतिमाओं के विसर्जन का सिलसिला जारी रहा।
बड़ी प्रतिमाओं के लिए क्रेन
भटौली विसर्जन कुंड में छोटी से लेकर बड़ी प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए नगर निगम ने पूरी तैयारी कर रखी थी। प्रतिमाओं को बड़ी के्रन से उठाकर विसर्जन किया गया । वहीं छोटी व मध्यम देवी प्रतिमाओं के लिए मोटर बोट व नाव भी लगाई गई।
भटौली विसर्जन कुंड में छोटी से लेकर बड़ी प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए नगर निगम ने पूरी तैयारी कर रखी थी। प्रतिमाओं को बड़ी के्रन से उठाकर विसर्जन किया गया । वहीं छोटी व मध्यम देवी प्रतिमाओं के लिए मोटर बोट व नाव भी लगाई गई।
सुरक्षा के तगड़े इंतजाम
भटौली विसर्जन कुंड में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। मोटर बोट के अलावा प्रशिक्षण प्राप्त गोताखोर, होमगार्ड के जवान व पुलिस बल की तैनाती की गई थी। दुर्गा समितियों को कुंड के पास तक वाहन लाने में परेशानी नहीं हुई ।
भटौली विसर्जन कुंड में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। मोटर बोट के अलावा प्रशिक्षण प्राप्त गोताखोर, होमगार्ड के जवान व पुलिस बल की तैनाती की गई थी। दुर्गा समितियों को कुंड के पास तक वाहन लाने में परेशानी नहीं हुई ।