श्रीगोविंदगंज रामलीला समिति के अध्यक्ष अनिल तिवारी बताते हैं कि स्थानीय कलाकारों ने इस रावण के पुतले को 15 दिनों में तैयार किया है। इस बार रावण का पुतला 30 फीट ऊंचा होगा। पुतला तैयार करने में बांस, कागज आदि का प्रयोग किया गया है। पुतले के अंदर पटाका और रोशनी भी प्रयोग की गई है। भगवान श्री राम के पात्र जैसे ही अग्नि बाण छोड़ेंग, पुतला जल उठेगा और आकर्षक आतिशबाजी का नजारा भी देखने को मिलेगा।
रावण के इस पुतले का दहन छोटे फुहारे मिलौनीगंज चौक पर सायं आठ बजे किया जाएगा। इस मौके पर विजयोत्साह तो होगा, लेकिन पूरा कार्यक्रम कोरोना गाइडलाइन के तहत ही होगा। समिति के अध्यक्ष तिवारी ने सभी दर्शकों से अपील की है कि वो कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए ही इस आयोजन का हिस्सा बनें। तिवारी के अनुसार समिति के रावण दहन आयोजन का यह 157वां वर्ष है।
समिति के अध्यक्ष बताते हैं कि रावण दहन करने के लिए कटरा वाले महावीर स्वामी मंदिर स्थित रामलीला भवन से भगवान श्रीराम, अनुज लक्ष्मण और पवनसुत हनुमान बग्घी पर सवार होकर बाजे-गाजे के साथ आयोजन स्थल पर पहुचेंगे। यहां स्व. ओंकार तिवारी गद्दी के पास मंच बनाया जा रहा है। आयोजन स्थल पर भगवान श्रीराम के पहुंचते ही पहले हर्षध्वनि से स्वागत किया जाएगा। इसके बाद प्रभु श्री राम मंगल ध्वनि के बीज रावण के पुतले पर अग्नि बांण छोड़ेंगे। उसके बाद शुरू हो जाएगा विजयोत्सव का उमंग। जमकर आतिशबाजी होगी, आसमान रोशनी से जगमगा उठेगा।
उनका कहना है कि रावण दहन के दौरान इस बार भगवान श्रीराम, श्री लक्ष्मण और अंजनी नंदन के भी दर्शन होंगे। हालांकि कोरोना गाइडलाइन के तहत इस बार रामलीला का मंचन नहीं किया जाएगा। इसकी जगह मानस लीला चल रही है। हालांकि दशहरे के मौके पर भगवान का शृंगार जरूर