यह है मामला
सार्वजनिक दशहरा चल समारोह समिति उमरिया व अधिवक्ता शंभूलाल खट्टर की ओर से यह जनहित याचिका दायर कर कहा गया कि उमरिया के खेल स्टेडियम में बरसों से दशहरा का आयोजन होता आ रहा है। लेकिन इस वर्ष कलेक्टर व नगर परिषद के सीईओ ने समिति को इस आयोजन की अनुमति देने से इंकार कर दिया। 20 सितंबर 2019 के इस आदेश को चुनौती देते हुए अधिवक्ता विवेकानंद अवस्थी ने तर्क दिया कि दशहरा आयोजन के लिए शहर में अन्यत्र कोई उचित वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है।
सरकार व्यवस्था करे
सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में सरकार का निर्णय गलत नहीं कहा जा सकता। लेकिन ऐसे आयोजनों के लिए स्थल की व्यवस्था करना भी राज्य सरकार का दायित्व है। इसलिए उक्त आयोजन के संबंध में दो दिन के अंदर निर्णय लेकर याचिकाकर्ता को अवगत भी कराया जाए। इस निर्देश के साथ कोर्ट ने याचिका का पटाक्षेप कर दिया। सरकार का पक्ष शासकीय अधिवक्ता भूपेश तिवारी ने रखा।