स्मार्ट सिटी आई तो गायब हुए कं टेनर- कचरा इक _ा करने के लिए चार पहले तक सभी वार्डों में लोहे के बड़े कं टेनर रखने की व्यवस्था थी। स्मार्ट सिटी योजना लांच होनके बाद ये व्यवस्था खत्म कर दी गई। उनकी जगह लोहे के स्टैंड पर प्लास्टिक की छोटी-छोटी डस्टबिन लगाना शुरू कर दिया गया। फिछले तीन साल में दो बार लगाई गई इनमें से ज्यादातर डस्टबिन कबाड़ी तोड़कर ले गए। कई स्पॉट पर टूटी हुई डस्टबिन रह गईं तो कुछ जगह केवल स्टैंड ही बचा है।
पीपीपी मोड स्कीम फे ल- निगम ने पीपीपी मोड पर शहर में स्मार्ट डस्टबिन लगाने की पहल की। इसके तहत विज्ञापन एजेंसी को डस्टबिन लगाने के एवज में विज्ञापन के लिए भी जगह मुहैया कराई गई। लेकिन गिनती के स्पॉट पर ही डस्टबिन लगने के बाद इसका विरोध शुरू हो गया। दरअसल शहर के प्राइम लोकेशन में महज ५ फीट पर डस्टबिन लगाने के एवज में एजेंसी को पंद्रह फीट तक की जगह विज्ञापन के लिए दे दी गई थी। इतना ही नहीं स्मार्ट डस्टबिन के नाम पर टीन के डिब्बे रखे जा रहे थे। विरोध शुरू होने पर स्मार्ट डस्टबिन लगाने का काम ठंडे बस्ते में चला गया।
वर्जन- शहर की सफाई व्यवस्था को सुधारने संभागीय अधिकारियों से लेकर स्वास्थ्य विभाग के सभी संबंधित अधिकारियों को फील्ड पर सक्रिय रहने निर्देशित किया है। कचरा सार्वजनिक स्थानों पर न फै ले इसके लिए जिन स्थानों पर डस्टबिन नहीं है वहां भी डस्टबिन की व्यवस्था की जाएगी। आशीष कुमार, आयुक्त, नगर निगम