scriptNew year 2022, ई-न्यायालय मिशन मोड ने पकड़ी रफ्तार, नए साल में जिला अदालतों की कार्रवाई का भी होगा सीधा प्रसारण | E-Courts Mission Mode has gained momentum even in district court 10101 | Patrika News

New year 2022, ई-न्यायालय मिशन मोड ने पकड़ी रफ्तार, नए साल में जिला अदालतों की कार्रवाई का भी होगा सीधा प्रसारण

locationजबलपुरPublished: Dec 31, 2021 09:54:17 pm

New year 2022- नए साल का नया बदलाव, जिला और तहसील अदालत परिसर आए वॉन नेटवर्क के दायरे में- राष्ट्रीय न्यायिक डाटा ग्रिड से भी जुड़े मामले- ई-लोक आदलतों ने भी वर्चुअल सुनवाई के मामले में रचा कीर्तिमान- ई-कोर्ट हुई साकार, अब घर बैठे मिल रहा न्याय- महामारी के दौर में पीडि़त के घर तक पहुंची ई-कोर्ट, अब एक क्लिक पर मिल रहा न्याय

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New year 2022, जबलपुर. कोरोना काल में ई-न्यायालय मिशन मोड की रफ्तार पर सवार होकर न्याय रथ ऐसा दौड़ा कि कुछ ही महीनों में यह बीते दिनों की बात हो गई। आम आदमी को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर न्यायदान की प्रक्रिया के दर्शन सुलभ हुए, वहीं दूसरी ओर लॉकडाउन अवधि में जब सामान्य कामकाज पूरी तरह बंद थे, मामलों की वर्चुअल सुनवाई जारी रही। इस काम में अदालतों के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग नए सहारे के रूप में उभरा। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने वर्चुअल सुनवाई के जरिए मिसाल पेश की। साथ देश में पहली बार ई-लोक अदालतें आयोजित कर न्याय जगत में प्रदेश ने नया कीर्तिमान रचा। जिला और तहसील अदालतें भी इस दौर में पीछे नहीं रहीं। उनके ज्यादातर परिसर ई-कलेवर में वॉन नेटवर्क से जुड़ गए। अब तक हाईकोर्ट की तीनों खंडपीठों में हजारों मामलों की सुनवाई हुई, वहीं जिला अदालतों ने लाखों मामलों की सुनवाई कर प्रतिमान गढ़ा। नए साल में जिला अदालतों की कार्रवाई का भी सीधा प्रसारण होने लगेगा।
New year 2022, राष्ट्रीय न्यायिक ग्रिड से जुड़ीं अदालतें
हाइकोर्ट व जिला अदालतों को डिजिटल मोड में लाने के लिए न्यायपालिका के तकनीकी कर्मियों व हाइकोर्ट के तकनीकी शाखा के अधिकारियों ने दिन-रात काम करके ई फाइलिंग व वीसी से सुनवाई की व्यवस्था को सुचारू रूप देने में अहम भूमिका निभाई। शुरुआत में हाइकोर्ट व जिला अदालतों में ई-फाइलिंग के जरिए मामले दायर करने व अर्जेंट मामलों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा की गई। दायर व सुनवाई किए जाने वाले मामलों की संख्या कम थी। वकीलों के सुझावों पर संज्ञान लेकर इन समस्याओं को तत्काल दूर किया गया। साथ ही राष्ट्रीय न्यायिक डाटा ग्रिड (एनजेडीसी) से भी अदलतों को तेजी से जोड़ा गया। एनजेडीसी से अब हाईकोर्ट, जिला और अधिनस्थ न्यायालय के सभी न्यायिक अधिकारी व पक्षकार न्यायिक कार्यवाही और निर्णयों से संबंधित जानकारी प्राप्त कर रहे हैं।
New year 2022, केंद्रीय विधि मंत्रालय के आकड़ों के अनुसार दिसंबर तक कंप्यूटरीकृत न्यायलय में न्यायिक सेवा केंद्र (जेएससी), न्यायालय वेब पोर्टल, ई-न्यायालय मोबाइल एप, ई-मेल, एसएमएस, पुल सेवा के माध्यम से पक्षकारों और अधिवक्ताओं को जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। इससे अदालत परिसर में अधिवक्ताओं और पक्षकारों की व्यक्तिगत उपस्थित से राहत मिल गई। वीडियो कॉन्फे्रंसिंग से सुनवाई के लिए सिस्को वेबएक्स और जित्सी मीट एप का इस्तेमाल किया जा रहा है।
राष्ट्रीय न्यायिक डाटा ग्रिड (एनजेडीसी) से जुड़े जबलपुर के मामले
सिविल मामले- 38759
आपराधिक मामले- 93864
लॉकडाउन से लेकर दिसंबर तक वर्चुअल सुनवाई की स्थिति (राष्ट्रीय स्तर)
जिला अदालतें- 10177289
हाईकोर्ट- 5524021
New year 2022, देश में पहली बार ई-लोक अदालत
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण ने भी न्यायरथ को रुकने नहीं दिया। खुद को ई-अवतार में प्रस्तुत कर देश में पहली लोक अदालत जून 2020 में मध्यप्रदेश में आयोजित की गई। इसमें जितने मामले आए लगभग सभी का निपटारा कर दिया गया। इसके बाद देशभर में ई-लोक आदलतों का सिलसिला चल पड़ा। प्रदेश में सालभर में आधा दर्जन से अधिक ई-लोक अदालतों के माध्यम से हजारों प्रकरण निराकृत किए गए।
एक्सपर्ट व्यू

1- वर्चुअल सुनवाई की व्यवस्था बेहद कारगर रही। सामान्य दिनों में भी वकीलों के लिए यह सुविधा उपयोगी है। कहीं भी रहकर वकील अपने केस की पैरवी बिना दिक्कत कर सकता है। यह व्यवस्था बहाल रहनी चाहिए।
-अधिवक्ता ब्रह्मानन्द पांडे, मप्र हाईकोर्ट
2. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई में समय की बहुत बचत होती है। साथ ही कोर्ट में उपस्थित होने का भी कोई बंधन नहीं। यह व्यवस्था सदैव कारगर रहेगी। इसके सभी पहलू वकीलों के लिए लाभदायक हैं।
-अधिवक्ता आदित्य संघी, मप्र हाईकोर्ट
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