हाइकोर्ट व जिला अदालतों को डिजिटल मोड में लाने के लिए न्यायपालिका के तकनीकी कर्मियों व हाइकोर्ट के तकनीकी शाखा के अधिकारियों ने दिन-रात काम करके ई फाइलिंग व वीसी से सुनवाई की व्यवस्था को सुचारू रूप देने में अहम भूमिका निभाई। शुरुआत में हाइकोर्ट व जिला अदालतों में ई-फाइलिंग के जरिए मामले दायर करने व अर्जेंट मामलों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा की गई। दायर व सुनवाई किए जाने वाले मामलों की संख्या कम थी। वकीलों के सुझावों पर संज्ञान लेकर इन समस्याओं को तत्काल दूर किया गया। साथ ही राष्ट्रीय न्यायिक डाटा ग्रिड (एनजेडीसी) से भी अदलतों को तेजी से जोड़ा गया। एनजेडीसी से अब हाईकोर्ट, जिला और अधिनस्थ न्यायालय के सभी न्यायिक अधिकारी व पक्षकार न्यायिक कार्यवाही और निर्णयों से संबंधित जानकारी प्राप्त कर रहे हैं।
राष्ट्रीय न्यायिक डाटा ग्रिड (एनजेडीसी) से जुड़े जबलपुर के मामले
सिविल मामले- 38759
आपराधिक मामले- 93864
लॉकडाउन से लेकर दिसंबर तक वर्चुअल सुनवाई की स्थिति (राष्ट्रीय स्तर)
जिला अदालतें- 10177289
हाईकोर्ट- 5524021
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण ने भी न्यायरथ को रुकने नहीं दिया। खुद को ई-अवतार में प्रस्तुत कर देश में पहली लोक अदालत जून 2020 में मध्यप्रदेश में आयोजित की गई। इसमें जितने मामले आए लगभग सभी का निपटारा कर दिया गया। इसके बाद देशभर में ई-लोक आदलतों का सिलसिला चल पड़ा। प्रदेश में सालभर में आधा दर्जन से अधिक ई-लोक अदालतों के माध्यम से हजारों प्रकरण निराकृत किए गए।
-अधिवक्ता ब्रह्मानन्द पांडे, मप्र हाईकोर्ट
-अधिवक्ता आदित्य संघी, मप्र हाईकोर्ट