याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता आदित्य सिंह यादव पैरवी कर रहे हैं। उन्होंने अवगत कराया कि समूची कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है। अवस्थी व पांडेय के खिलाफ ईओडब्ल्यू के पास ऐसे कोई पुख्ता सबूत नहीं हैं, जिनसे प्रथमदृष्टया ई-टेंडरिंग घोटाले में उनकी संलिप्तता साफ हो। इसके बावजूद राज्य शासन के इशारे पर ईओडब्ल्यू ने पॉलिटिकल एजेंडे के तहत कार्रवाई की। दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। याचिका में आरोप लगाया गया है कि राज्य शासन की ओर से हरसम्भव दबाव बनाया जा रहा है। तैयारी यही है कि ईओडब्ल्यू की ओर से ई-टेंडरिंग घोटाले में आरोपी बनाए गए दोनों निजी सचिव पूर्व मंत्री मिश्रा का भी नाम ले लें। ताकि, पूर्व मंत्री का नाम भी इस घोटोल में घसीटा जा सके।