जबलपुर। ऑनलाइन फ्रॉड की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। स्कूलों का पूरा सिस्टम ऑनलाइन हो गया है। चाहे छात्रों की स्कॉलरशिप का मामला हो या फिर भुगतान, वेतन आदि से जुड़ा मामला। सभी शासकीय वित्तीय योजनाओं का क्रियान्वयन ऑनलाइन हो रहा है। ऐसे में सबसे ज्यादा जागरूक होने की जरूरत शिक्षा विभाग के अमले की है। उक्ताश्य के विचार स्कूल शिक्षा विभाग में वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञों ने व्यक्त किए। डाइट में आयोजित हुई कार्यक्रम के दौरान नाबार्ड भोपाल के एजीएम संदीप धारकर, दिनेश चौरे, डीआरजी डॉ.गजेश खरे ने व्यक्त किए। डीआरजी डॉ.खरे ने कहा कि आज ऑनलाइन फ्राड की घटनाएं लगातार बढ़ रहीहैं। शिक्षा विभाग का कामकाज अॅानलाईन होने के चलते अमले को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। इसके लिए हमें खुद जागरूक होने के साथ ही अन्य लोगों को भी जागरूक करने की आवश्यकता है। इस दौरान उन्होंने ऑनलाइन फ्राड करने के तरीके, फ्राड से बचने के उपाए, शिकायत करने के तरीके, बैंकिग लोकपॉल, बैकिंग प्रणाली, शब्दावली, सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन से बचने के तरीके आदि से अवगत कराया गया।
वीडियो के माध्यम से किया प्रजेंटेशन
कार्यशाला के दोरान वीडियो फिल्म का प्रदर्शन किया गया जिसके माध्यम से फ्राड से जुड़ी घटनाओं और उनसे बचने के तरीकों को अवगत कराया। कार्यशाला में जिले से 150 से अधिक शिक्षा विभाग का विभागीय अमला शामिल रहा। ट्रेनिंग के बाद उक्त अधिकारी 29 एवं 31 जनवरी को अपने स्कूल, संस्थान में जाकर स्टॉफ और छात्र-छात्राओं, शिक्षकों को जाकर ट्रेनिंग देंगे। इस दौरान प्राचार्य डॉ.शशिबाला झॉ, डॉ.प्रदीप बेहरे , बीआरसी सीएल बागरी, एके उपाध्याय सहित अन्य अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित थे। विभाग के सहायक परियोजना अधिकारी, विकासखंड स्त्रोत समन्वयकों, ब्लाक कोआर्डिनेटर, बीएसी आदि को ट्रेनिंग दी।