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शहर में ८० फीसदी छोटे कारोबारी, होगा बड़ा असर

locationजबलपुरPublished: Jan 12, 2018 01:40:34 am

Submitted by:

sanjay umare

रिटेल में १०० फीसदी एफडीआई का प्रभाव

Effect of FDI

Effect of FDI

जबलपुर. एकल ब्रॉन्ड रिटेल कारोबार में १०० फीसदी एफडीआई का असर शहर के छोटे व्यापार पर हो सकता है। यहां अभी ८० फीसदी से ज्यादा छोटे कारोबारी हैं। एेसे में उनके लिए विदेशी कार्पोंरेट हाउस का प्रवेश नुकसानदायक साबित हो सकता है। इस बात को व्यापारिक संगठन भी स्वीकार कर रहे हैं। ग्राहकों की बात की जाए, तो उन्हें बड़ा विकल्प मिल सकता है। खुली प्रतिस्पर्धा में गुणवत्तायुक्त चीजों के साथ कीमतों में भी अंतर आ सकता है। लेकिन, कई तरह के असंगठित धंधों के सामने अपने अस्तित्व को बचाने का संकट भी खड़ा हो सकता है।

केंद्रीय कैबिनेट ने सिंगल ब्रॉन्ड रिटेल में ऑटोमेटिक रूट से 100 प्रतिशत एफडीआई को मंजूरी दी है। इसका असर उन चीजों पर ज्यादा हो सकता है, जिनका निर्माण यहां होता है। क्योंकि, विदेशी कंपनियां पूरी तैयारियों के साथ आती हैं। उन चीजों पर ज्यादा ध्यान रहता है, जिनकी मांग ज्यादा है। एेसी चीजों को बेचने वाली कंपनी यहां पर आएंगी। अभी इस तरह की कंपनियों की ज्यादा संख्या शहर में नहीं है। लेकिन, सरकार के फैसले के बाद इनकी लाइन लग सकती है।

ये हैं प्रमुख कारोबार
किराना कारोबार
असंगठित क्षेत्र में किराना का बड़ा कारोबार है। आसपास के नजदीकी जिलों के लिए शहर बड़ी मंडी की तरह है। अभी तक इस क्षेत्र में तो कोई बड़ी देशी या विदेशी कंपनी नहीं है। लेकिन, आने वाले समय में किराना कारोबार में भी कई कंपनियां सेंध लगा सकती हैं।
आभूषण निर्माण
जिले में २ हजार से ज्यादा आभूषण विक्रेता हैं। इस बडे़ कारोबार पर भी कई रिटेल कंपनियां आना चाहती हैं। एफडीआई से उनका प्रवेश इस क्षेत्र में होना तय है। अभी लगभग पांच सिंगल ब्रॉन्ड हैं जो ज्वेलरी का निर्माण और विक्रय करते हैं। ज्यादातर भारतीय हैं।
फेब्रीकेशन/फर्नीचर
शहर में फेब्रीकेशन और फर्नीचर का बड़ा कारोबार है। लगभग दो हजार ५०० से अधिक इकाइयों में आलमारी, कूलर और फर्नीचर का काम होता है। इसमें चार हजार से ज्यादा लोग लगे हैं। एक बड़ी अंतरराष्ट्रीय कंपनी ने तो करोड़ों रुपए निवेश की बात कही है।
रेडीमेड वस्त्र का उत्पादन
शहर में ३०० से अधिक सलवार सूट बनाने की इकाइयां हैं। करोड़ों रुपए वार्षिक टर्नओवर वाले इस व्यापार में पांच हजार से ज्यादा को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार मिला है। अभी इनका उत्पादन कोई सिंगल ब्रॉन्ड कंपनी नहीं करती। लेकिन, देश के बडे़ शहरों में चलने वाले शोरूम के एजेंट हैं।

सिंगल ब्रॉन्ड स्टोर यानि एक ही छत के नीचे एक ब्रॉन्ड की कई चीजें मिलने का स्थान। इसका सबसे बड़ा फायदा ग्राहक को होगा। ब्रॉन्ड के बीच प्रतिस्पर्धा बढेग़ी। इससे ग्राहक को गुणवत्तापूर्ण वस्तुएं मिल सकेंगी।
प्रो. शैलेष चौबे, अर्थशास्त्री

सिंगल ब्रैंड रीटेल में ऑटोमेटिक रूट से 100 प्रतिशत एफडीआई से शहर का व्यापार चौपट हो जाएगा। मांग की जाएगी कि एफडीआई हो तो उसमें विदेशी कंपनियों को ८० प्रतिशत अधोसरंचना देश में स्थापित करने की शर्त रखी जाए।
रवि गुप्ता, अध्यक्ष महाकोशल चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री

छोटे कारोबारी बहुराष्ट्रीय कंपनियों का मुकाबला नहीं कर पाएंगे। उनके पास स्किल और निवेश के लिए बहुत पंूजी है। यह छोटा शहर है। रोजगार बढऩे की जगह घट सकता है। हम इसका विरोध करेंगे।
प्रेम दुबे, चेयरमैन जबलपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री

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