धन का होता है अपव्यय
इस सम्बंध में 15 अप्रैल को हाईकोर्ट ने निर्वाचन आयोग को विधि अनुसार विचार कर कार्रवाई करने को कहा था। कार्रवाई न होने पर अवमानना याचिका दायर की गई। इस पर हाईकोर्ट ने निर्वाचन आयोग व राज्य सरकार को नोटिस जारी किया। छह जुलाई को निर्वाचन आयोग की ओर से पत्र भेज कर पार्षदों के लिए चुनाव खर्च तय करने की सूचना दी गई। याचिकाकर्ता नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के अध्यक्ष डॉ. पीजी नाजपांडे बताया कि आयोग ने कहा कि नगरीय निकायों के चुनावों में धन का अपव्यय होता है। इस पर नियंत्रण रखने के लिए पार्षद पद के लिए भी निर्वाचन व्यय का लेखा-जोखा अनिर्वाय होना चाहिए।
इस सम्बंध में 15 अप्रैल को हाईकोर्ट ने निर्वाचन आयोग को विधि अनुसार विचार कर कार्रवाई करने को कहा था। कार्रवाई न होने पर अवमानना याचिका दायर की गई। इस पर हाईकोर्ट ने निर्वाचन आयोग व राज्य सरकार को नोटिस जारी किया। छह जुलाई को निर्वाचन आयोग की ओर से पत्र भेज कर पार्षदों के लिए चुनाव खर्च तय करने की सूचना दी गई। याचिकाकर्ता नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के अध्यक्ष डॉ. पीजी नाजपांडे बताया कि आयोग ने कहा कि नगरीय निकायों के चुनावों में धन का अपव्यय होता है। इस पर नियंत्रण रखने के लिए पार्षद पद के लिए भी निर्वाचन व्यय का लेखा-जोखा अनिर्वाय होना चाहिए।
यह तय की गई सीमा
नगर पालिक निगम
10 लाख से अधिक आबादी पर-8.75 लाख रुपए
10 लाख से कम आबादी पर-3.75 लाख रुपए नगर पालिका
एक लाख से अधिक आबादी पर-2.5 लाख रुपए
50 हजार से एक लाख तक आबादी पर-1.5 लाख रुपए
नगर पालिक निगम
10 लाख से अधिक आबादी पर-8.75 लाख रुपए
10 लाख से कम आबादी पर-3.75 लाख रुपए नगर पालिका
एक लाख से अधिक आबादी पर-2.5 लाख रुपए
50 हजार से एक लाख तक आबादी पर-1.5 लाख रुपए
नगर परिषद
75 हजार रुपए
75 हजार रुपए