मरीजों की संख्या बढ़ी
गर्मी का मौसम आते ही अस्पतालों में मरीज बढऩा शुरू हो गए हंै। उल्टी, दस्त और बुखार से पीडि़त मरीज गंभीर हालात में आ रहे हैं। जानकारों के अनुसार बीमारियों के लिहाज से ठंड का समय हैल्दी सीजन होता है। इस वक्त संक्रमण कम फैलता है। मरीज कम होते है। वहीं, कॉलेजों एवं समाजसेवी संस्थाओं का रक्तदान शिविर का आयोजन भी लगातार होता है। इससे रक्त की औसत उपलब्धता अधिक होती है। उसके विपरीत गर्मी में मरीज बढऩे और रक्तदान घटने से ब्लड बैंकों की व्यवस्था गड़बड़ा गई है।
हर दिन सौ से ज्यादा यूनिट
सरकारी अस्पतालों में ब्लड बैंक गर्भवती महिलाओं और थैलेसिया पीडि़तों को जरुरत के मुताबिक नि:शुल्क रक्त उपलब्ध कराया जाता है। एल्गिन और मेडिकल अस्पताल में महिला मरीजों के लिए रक्त की आवश्यकता बनी रहती है। सूत्रों के अनुसार तीनों सरकारी अस्पताल में फिलहाल कुल औसतन 100-140 यूनिट ब्लड की प्रतिदिन मरीजों को चढ़ाया जा रहा है। यह मात्रा मौसमी बीमारी बढऩे के साथ ही हर दिन बढ़ रही है।
एक्सचेंज में आनाकानी
अस्पतालों में गंभीर हालत में भर्ती मरीजों की जीवन रक्षा के लिए दिए जा रहे ब्लड के एवज में किसी अन्य व्यक्ति का ब्लड एक्सचेंज(डोनेट) नहीं करने से ब्लड बैंकों में खून की कमी हो रही है। सूत्रों के अनुसार 50 फीसदी मामलों में मरीज के परिजन बैंक से लिए गए रक्त के बदले किसी भी ग्रुप के रक्तदाता से डोनेट कराने में आनाकानी करते हैं। व्यक्तिगत रक्तदान करने वाले लोग भी गर्मी में डोनेशन से बचते है। इन वजहों से ब्लड बैंकों की व्यवस्था लडख़ड़ा रही है।
कम होता है रक्तदान
एल्गिन अस्पताल के ब्लड बैंक इंचार्ज डॉ. संजय मिश्रा के अनुसार गर्मी में रक्तदान कम होता है। कॉलेजों में परीक्षा होने के कारण नियमित शिविर नहीं हो पाते हैं। अभी रक्त की उपलब्धता काफी कम है। व्यवस्था बनाए रखने के लिए मरीजों के परिचितों को एक्सचेंज के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।
शिविर नहीं लगने से दिक्कत
मेडिकल अस्पताल के ब्लड बैंक इंचार्ज डॉ. शिशिर चनपुरिया ने बताया, ब्लड बैंक में रक्त कम है। शिविर नहीं होने से दिक्कत हुई है। अभी मेडिकल स्टूडेंट्स ब्लड डोनेट कर रहे हैं। गंभीर मरीजों की जरुरत को पूरा किया जा रहा है। रक्तदान शिविर जल्द कराने के प्रयास किए जा रहे हैं।